परमाणु से लेकर हाइपरसोनिक तक: 4 देशों के पास है हर मिसाइल का जखीरा

नई दिल्ली। 21वीं सदी की वैश्विक राजनीति और रक्षा रणनीति में मिसाइल तकनीक एक निर्णायक भूमिका निभा रही है। जहां एक ओर कई देश अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए आधुनिक हथियार प्रणालियों का निर्माण कर रहे हैं, वहीं कुछ ऐसे देश भी हैं जो मिसाइल शक्ति के मामले में सर्वोच्च स्तर पर पहुँच चुके हैं। ये देश न केवल पारंपरिक बलिस्टिक और क्रूज़ मिसाइलों के मालिक हैं, बल्कि परमाणु हथियार और हाइपरसोनिक मिसाइलों से भी लैस हैं। 

1. अमेरिका

अमेरिका दशकों से मिसाइल टेक्नोलॉजी में अग्रणी रहा है। उसके पास इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) जैसे Minuteman III, सबमरीन-लॉन्च ट्राइडेंट मिसाइलें और क्रूज़ मिसाइलें (Tomahawk) हैं। हाल के वर्षों में अमेरिका ने हाइपरसोनिक मिसाइलें विकसित करने की दिशा में भी तेज़ी दिखाई है, जैसे कि AGM-183A ARRW। अमेरिका की मिसाइल नीति न केवल सैन्य मजबूती बल्कि वैश्विक शक्ति संतुलन का भी अहम हिस्सा है।

2. रूस: मिसाइल तकनीक का पारंपरिक दिग्गज

रूस को दुनिया में मिसाइलों की ‘सुपरपावर’ कहा जाता है। Sarmat ICBM, Kalibr और Iskander जैसी मिसाइलें रूस की ताकत का प्रतीक हैं। रूस दुनिया का पहला देश है जिसने ऑपरेशनल हाइपरसोनिक मिसाइल Avangard और Kinzhal को सेवा में शामिल किया। उसकी मिसाइल नीति अधिकतर अमेरिका और NATO के खिलाफ संतुलन बनाने पर केंद्रित है।

3. चीन: तेजी से उभरती मिसाइल ताकत

चीन ने पिछले दो दशकों में अपनी मिसाइल क्षमता में जबरदस्त वृद्धि की है। DF (Dongfeng) सीरीज की मिसाइलें, जैसे DF-17 (हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल के साथ), DF-41 (ICBM) और CJ-10 (क्रूज़ मिसाइल), उसकी सैन्य रणनीति को नई ऊंचाइयों तक ले जा चुकी हैं। चीन की मिसाइल नीति का मुख्य फोकस क्षेत्रीय प्रभुत्व को बनाए रखना है।

4. भारत: आत्मनिर्भर और रणनीतिक रूप से सशक्त

भारत ने मिसाइल विकास में स्वदेशी तकनीक पर भरोसा करते हुए बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। अग्नि श्रृंखला (Agni I से V तक), पृथ्वी मिसाइलें, ब्रह्मोस क्रूज़ मिसाइल और हाल ही में परीक्षण की गई हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेटर (HSTDV) भारत को एक मजबूत मिसाइल राष्ट्र बनाते हैं। भारत के पास हर तरह की मिसाइलें मौजूद हैं।

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