अमेरिका बनाम रूस: कौन है मिसाइल सुपरपावर?

न्यूज डेस्क। दुनिया के दो सबसे ताकतवर देश – अमेरिका और रूस – दशकों से सैन्य शक्ति की होड़ में एक-दूसरे को चुनौती देते आ रहे हैं। परमाणु हथियारों और मिसाइल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में दोनों देशों की प्रतिस्पर्धा शीत युद्ध काल से लेकर आज तक जारी है। आज जब वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य फिर से अस्थिर होता नजर आ रहा है, तो यह सवाल और भी प्रासंगिक हो गया है – मिसाइल शक्ति में असली सुपरपावर कौन है: अमेरिका या रूस?

तकनीकी क्षमता की दौड़

अमेरिका:

अमेरिका का मिसाइल कार्यक्रम बेहद उन्नत और संगठित है। उसके पास जमीनी ICBM (Intercontinental Ballistic Missiles), समुद्री Trident-II D5 मिसाइलें हैं। साथ ही, अमेरिका के पास THAAD और Patriot जैसी आधुनिक मिसाइल डिफेंस प्रणाली भी मौजूद है, जो दुश्मन की मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर सकती है। अमेरिका की सबसे उन्नत मिसाइल Minuteman III ICBM की रेंज 13,000+ किमी की है।

रूस:

रूस ने हाल के वर्षों में अपने मिसाइल कार्यक्रम में तेज़ी लाई है। RS-28 Sarmat (जिसे पश्चिम में "Satan-2" कहा जाता है) जैसी मिसाइलें न केवल लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम हैं, बल्कि ये कई परमाणु वॉरहेड्स ले जाने में भी सक्षम हैं। इसकी रेंज 18000 किमी हैं। इसके अलावा, रूस ने Avangard और Zircon जैसी हाइपरसोनिक मिसाइलों को तैनात कर अमेरिका को नई चुनौती दी है।

हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी में बढ़त किसकी?

रूस ने इस क्षेत्र में अमेरिका से पहले कदम बढ़ाया है। उसकी Avangard मिसाइल ध्वनि की गति से 27 गुना तेज चल सकती है, जो मौजूदा डिफेंस सिस्टम को चकमा देने में सक्षम है। वहीं अमेरिका अभी अपने हाइपरसोनिक सिस्टम्स का परीक्षण कर रहा है और 2026 तक तैनाती की योजना बना रहा है। इस रेस में रूस अमेरिका से आगे निकल गया हैं।

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