मुख्यमंत्री ने मंगलवार को औरैया जिले का दौरा किया, जहां उन्होंने बाढ़ प्रभावितों को राहत सामग्री वितरित की और स्थितियों का गहन जायजा भी लिया। दौरे के दौरान उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि प्रशासन हर जरूरतमंद तक मदद पहुँचाए और कोई भी पीड़ित परिवार उपेक्षित न रहे।
21 जिले बाढ़ से प्रभावित, यमुना ने तोड़ा रिकॉर्ड
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में बताया कि इस समय प्रदेश के कुल 21 जिले बाढ़ की चपेट में हैं। खासतौर पर यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से साढ़े चार मीटर ऊपर पहुंच चुका है, जिससे औरैया, इटावा, जालौन और आगरा जैसे जिलों के तटीय इलाकों में गंभीर बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। औरैया जिले के 12 राजस्व गांवों में 5000 से अधिक परिवार प्रभावित हुए हैं, जिन्हें तत्काल राहत और पुनर्वास की आवश्यकता है।
राहत के साथ आत्मनिर्भरता पर भी जोर
सिर्फ आपदा राहत ही नहीं, मुख्यमंत्री ने दीर्घकालिक पुनर्निर्माण की बात भी कही। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि पीड़ितों को केवल आश्रय ही नहीं मिलेगा, बल्कि उन्हें दोबारा अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से सहायता दी जाएगी। इस दौरान उन्होंने लाभार्थियों को चेक और प्रमाणपत्र वितरित किए ताकि वे सरकारी योजनाओं का लाभ शीघ्र प्राप्त कर सकें।
पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने "एक पौधा, मां के नाम" अभियान के अंतर्गत पौधरोपण करके पर्यावरण सुरक्षा का संदेश भी दिया। यह कदम प्रतीकात्मक रूप से यह दर्शाता है कि सरकार आपदा प्रबंधन के साथ-साथ भविष्य की सुरक्षा को लेकर भी सजग है।
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