अर्जुन MK-2: भारत की इस ताकत से दुनिया हैरान

नई दिल्ली। भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में लगातार प्रगति कर रहा है। इस दिशा में एक बड़ी छलांग मानी जा रही है अर्जुन MK-2 टैंक का विकास, जिसने न केवल भारतीय सेना की मारक क्षमता को बढ़ाया है, बल्कि विश्वभर के रक्षा विशेषज्ञों का ध्यान भी आकर्षित किया है। यह टैंक "मेक इन इंडिया" पहल का एक बेहतरीन उदाहरण है, जो स्वदेशी तकनीक, अत्याधुनिक हथियार प्रणाली और उन्नत सुरक्षा उपायों से लैस है।

क्या है अर्जुन MK-2?

अर्जुन MK-2, जिसे अर्जुन मुख्य युद्धक टैंक (MBT) मार्क 1A भी कहा जाता है, भारत द्वारा विकसित अगली पीढ़ी का लड़ाकू टैंक है। इसे डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने विकसित किया है, और यह पहले से मौजूद अर्जुन टैंक का उन्नत संस्करण है। इसमें 70 से अधिक नए सुधार किए गए हैं जो इसे विश्व के सबसे प्रभावशाली टैंकों में शुमार करते हैं।

मुख्य विशेषताएँ

सुपीरियर फायरपावर: अर्जुन MK-2 में 120 मिमी की राइफल्ड गन लगी है, जो अत्यधिक सटीकता के साथ दुश्मन के बख्तरबंद वाहनों को तबाह कर सकती है। इसमें लेजर गाइडेड मिसाइलें दागने की क्षमता भी है।

उन्नत सुरक्षा प्रणाली: इस टैंक में reactive और non-reactive armor दोनों का उपयोग किया गया है, जिससे यह टैंक RPG, ATGM जैसे खतरों से बेहतर तरीके से खुद को सुरक्षित रख सकता है। ‘Kanchan’ आर्मर इसकी एक खास पहचान है।

डिजिटल कंट्रोल सिस्टम: अर्जुन MK-2 में आधुनिक फायर कंट्रोल सिस्टम, ऑटोमैटिक टारगेट ट्रैकिंग और नाइट विज़न क्षमता जैसी अत्याधुनिक तकनीकें शामिल हैं।

बेहतर गतिशीलता: नया टैंक कठिन से कठिन इलाकों में भी आसानी से चल सकता है। इसमें एक शक्तिशाली इंजन और बेहतर सस्पेंशन सिस्टम है, जिससे इसकी गति और नियंत्रण क्षमता में काफी सुधार हुआ है।

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