इस योजना का उद्देश्य न केवल प्रदेश को दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देना है। कुल ₹23.60 लाख की लागत वाली इस परियोजना में सरकार 50% यानी ₹11.80 लाख की सब्सिडी दे रही है। शेष राशि में से 15% लाभार्थी को स्वयं वहन करनी होगी, जबकि 35% राशि बैंकों से ऋण के रूप में प्राप्त होगी।
क्या है नंद बाबा दुग्ध मिशन?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चलाए जा रहे इस मिशन के तहत राज्य सरकार का लक्ष्य है कि प्रत्येक गांव में दुग्ध सहकारी समितियां गठित कर ग्रामीणों को उनके दूध का उचित मूल्य दिलाया जाए। इसके लिए ₹1000 करोड़ की योजना बनाई गई है।
पात्रता मानदंड:
उत्तर प्रदेश का स्थानीय निवासी होना अनिवार्य, आधार कार्ड अनिवार्य दस्तावेज, कम से कम 3 वर्ष का पशुपालन अनुभव, उपयुक्त भूमि और आधारभूत संरचना, इच्छुक व्यक्ति को देसी नस्ल की गायों की डेयरी खोलनी होगी।
कैसे होगा चयन?
लाभार्थियों का चयन ई-लॉटरी के माध्यम से पारदर्शी प्रक्रिया अपनाकर किया जाएगा। यह योजना प्रदेश के सभी जिलों में लागू है, जिससे अधिक से अधिक पशुपालकों को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
आवेदन प्रक्रिया और अंतिम तिथि:
योजना का लाभ उठाने के लिए इच्छुक उम्मीदवारों को https://nandbabadugdhmission.up.gov.in वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके साथ-साथ आवेदन की हार्डकॉपी भी विभाग में जमा करनी होगी।
आवेदन की अंतिम तिथि: 23 अगस्त 2025
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