आधुनिक विनिर्माण इकाई: आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम
'आत्मनिर्भर भारत' पहल के तहत, जयंतीपुरम में बनने वाली यह मिसाइल निर्माण इकाई Su-30MKI जैसे भारतीय लड़ाकू विमानों के लिए ब्रह्मोस-NG (नेक्स्ट जेनरेशन) मिसाइलों का उत्पादन करेगी। यह कदम देश की रक्षा उत्पादन क्षमताओं को एक नई ऊंचाई देगा। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हाल ही में शुरू हुए ब्रह्मोस संयंत्र की तर्ज पर, यह नई इकाई सालाना 150 मिसाइलों तक उत्पादन करने की क्षमता रखेगी। इससे भारतीय सशस्त्र बलों की ब्रह्मोस मिसाइलों के लिए बढ़ती मांग को पूरा किया जा सकेगा।
न का सामरिक और औद्योगिक महत्व
जयंतीपुरम की विजयवाड़ा से निकटता, और इसकी हवाई, रेल व सड़क मार्ग से मजबूत कनेक्टिविटी, इसे राष्ट्रीय महत्व की रक्षा परियोजनाओं के लिए आदर्श बनाती है। पास के पेद्दावरम में अतिरिक्त 1,200 एकड़ जमीन का भी निरीक्षण किया गया है, जहां भविष्य में परीक्षण रेंज, सामग्री तकनीकी परिसर और एयरोस्पेस धातु निर्माण जैसे सहायक ढांचे स्थापित किए जा सकते हैं।
आर्थिक और रणनीतिक प्रभाव
यह परियोजना केवल सुरक्षा को नहीं, बल्कि स्थानीय और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगी। अनुमानित 20,000 करोड़ रुपये के सैन्य ऑर्डर और 8,000 करोड़ रुपये के वायुसेना अनुबंधों के साथ यह इकाई न केवल भारत की सुरक्षा को बल देगी, बल्कि हजारों रोजगार और उद्योग के अवसर भी पैदा करेगी। इसके अलावा, 400 करोड़ रुपये के चमड़ा उद्योग और अन्य रक्षा उत्पादन इकाइयों के लिए भूमि चिन्हित की जा चुकी है, जिससे क्षेत्र का समग्र औद्योगिक विकास सुनिश्चित किया जा सकेगा।
निर्यात क्षमताएं और वैश्विक पहचान
जयंतीपुरम इकाई भारत की निर्यात रणनीति का भी एक अभिन्न हिस्सा बनेगी। हाल ही में फिलीपींस को किए गए 375 मिलियन डॉलर के ब्रह्मोस निर्यात समझौते की तरह, भारत दक्षिण-पूर्व एशिया, मध्य पूर्व और अफ्रीका में संभावित रक्षा बाजारों को भी लक्षित कर रहा है। यह इकाई इन निर्यात आदेशों को समय पर और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगी।
ड्रोन, रडार और स्मार्ट युद्ध प्रणाली का हब
भविष्य में यह स्थान न केवल मिसाइलों के लिए, बल्कि ड्रोन, रडार सिस्टम, और सटीक-निर्देशित युद्ध सामग्री जैसे उच्च तकनीक रक्षा उत्पादों के निर्माण का केंद्र बन सकता है। उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे की तर्ज पर, यहां एक समग्र रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र तैयार किया जा सकता है।
आंध्र प्रदेश: भारत का नया रक्षा निर्माण केंद्र
मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की नीति के तहत, आंध्र प्रदेश अब तेजी से एक रक्षा निर्माण हब के रूप में उभर रहा है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) जैसे संगठनों को राज्य में आकर्षित करने की रणनीति, इस प्रक्रिया को और गति दे रही है। जयंतीपुरम इकाई इस उभरते रक्षा औद्योगिक परिदृश्य की आधारशिला बनेगी।
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