पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
वर्तमान में भारत लगभग 3,900 अरब डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के साथ दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। नागेश्वरन ने आईवीसीए ग्रीन रिटर्न्स समिट-2025 को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्विक भू-राजनीतिक अस्थिरताओं के बीच भारत की आर्थिक मजबूती बनाए रखना बेहद जरूरी है। उनका कहना है कि आर्थिक वृद्धि के साथ-साथ पर्यावरणीय जिम्मेदारियों का पालन भी अहम है। इसी कारण भारत ने 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन हासिल करने की प्रतिबद्धता जताई है।
तेजी से बढ़ती आर्थिक दर
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत की आर्थिक वृद्धि चालू वित्त वर्ष में 6.5% और अगले वित्त वर्ष में 6.7% रहने का अनुमान जताया है। कर छूट और मौद्रिक नीति में ढील से उपभोग में बढ़ोतरी होगी। अप्रैल-जून की तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 7.8% तक पहुंचने का अनुमान है। भारतीय रिजर्व बैंक ने भी चालू वित्त वर्ष के लिए 6.8% की वृद्धि दर का अनुमान जताया है।
भारत की वैश्विक स्थिति
इन सभी संकेतों से स्पष्ट है कि भारत आर्थिक रूप से न केवल मजबूत हो रहा है, बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी पकड़ भी मजबूत कर रहा है। लगातार बढ़ती जीडीपी और हरित विकास की दिशा में उठाए गए कदम भारत को आने वाले वर्षों में दुनिया के प्रमुख आर्थिक और पर्यावरणीय नेताओं में शामिल कर सकते हैं।
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