भारत को IMO काउंसिल में बड़ी जीत: दुनिया ने जताया भरोसा!

नई दिल्ली। भारत ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय समुद्री मंच पर अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज कराई है। इंटरनेशनल मैरीटाइम ऑर्गनाइजेशन (IMO) की काउंसिल में भारत को 2026-27 के कार्यकाल के लिए दोबारा चुना गया है। लंदन में आयोजित IMO असेंबली के 34वें सत्र में हुए चुनाव में भारत को कैटेगरी-B में शामिल 10 देशों में सबसे अधिक 154 वोट मिले। कुल 169 वैध वोटों में से मिली यह भारी संख्या भारत के बढ़ते प्रभाव और वैश्विक समुद्री क्षेत्र में उसकी सक्रिय भूमिका को दर्शाती है।

समुद्री व्यापार में रुचि वाले देशों की लिस्ट में भारत

IMO काउंसिल की कैटेगरी-B में वे देश शामिल होते हैं जिनकी अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार में गहरी भागीदारी होती है। भारत का इस कैटेगरी में शीर्ष वोट हासिल करना यह बताता है कि दुनिया भारत की समुद्री क्षमता, सुरक्षा और पर्यावरण हितैषी नीतियों को गंभीरता से स्वीकार कर रही है।

भारत की प्रतिबद्धता को मिली वैश्विक पहचान

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा कि भारत को दिया गया यह समर्थन उसकी “सस्टेनेबल शिपिंग, समुद्री सुरक्षा और साउथ-साउथ सहयोग” की प्रतिबद्धता को पहचान देता है। मंत्रालय की ओर से जारी संदेश में बताया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन MAHASAGAR ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भारत की विश्वसनीयता को और मजबूत किया है।

केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कही बड़ी बात

केंद्रीय पोर्ट्स, शिपिंग और वॉटरवेज मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने भी भारत की इस बड़ी जीत पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भारत को मिले सर्वाधिक वोट इस बात का प्रमाण हैं कि वैश्विक समुदाय प्रधानमंत्री मोदी के “सुरक्षित, संरक्षित और हरित समुद्री क्षेत्र” के विजन पर भरोसा करता है।

भारत के लिए क्यों खास है यह उपलब्धि?

भारत की इस जीत के कई महत्वपूर्ण अर्थ हैं—

यह भारत की ग्लोबल मैरीटाइम लीडरशिप को मजबूत बनाती है।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भारत की सस्टेनेबल और स्मार्ट शिपिंग नीति को सराहा है।

IMO काउंसिल में लगातार मौजूदगी भारत की सक्रिय कूटनीतिक भूमिका को दर्शाती है।

यह उपलब्धि इंडिया मैरीटाइम वीक 2025 की सफलता के तुरंत बाद मिली है, जिसमें 100 से अधिक देशों ने भाग लिया था।

IMO काउंसिल में कुल 40 देश चुने जाते हैं, जो असेंबली के बीच संगठन की कार्यकारी इकाई की भूमिका निभाते हैं।

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