15 हजार से अधिक पदों पर मौका
राज्य में पहली बार इतने बड़े स्तर पर रोजगार मेलों का आयोजन होने जा रहा है। लखनऊ, गोरखपुर, झांसी, वाराणसी और मुजफ्फरनगर में होने वाले इन वृहद रोजगार मेलों में करीब 100 नामी कंपनियां हिस्सा लेंगी। अनुमान है कि इन मेलों के माध्यम से 15 हजार से अधिक रिक्त पदों पर युवाओं की नियुक्ति संभव होगी। यह पहल न केवल नौजवानों को रोजगार उपलब्ध कराएगी, बल्कि निजी कंपनियों को भी प्रशिक्षित और दक्ष युवा मिलेंगे।
कौशल विकास पर जोर
कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने स्पष्ट कहा है कि सरकार का लक्ष्य है कि हर युवा न केवल रोजगार पाए, बल्कि हुनरमंद भी बने। इसके लिए सभी रोजगार मेलों में अधिक से अधिक युवा भाग ले सकें, इसकी जिम्मेदारी संबंधित विभागों को सौंपी गई है। चयनित युवाओं की प्रगति पर निगरानी बनाए रखने और कंपनियों से सतत संवाद रखने पर भी जोर दिया गया है।
सरकार का फोकस
लखनऊ के अलीगंज स्थित कौशल विकास मिशन मुख्यालय में विभागीय योजनाओं की समीक्षा के दौरान मंत्री ने साफ कहा कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी योजनाओं को समय पर, पारदर्शी तरीके से और उच्च गुणवत्ता के साथ लागू करना अनिवार्य होगा।
अब तक का रिकॉर्ड
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के तहत अभी तक लगभग 2.59 लाख युवाओं को प्रशिक्षण, 2.33 लाख युवाओं का मूल्यांकन, और 1.52 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार दिया जा चुका है। यह आंकड़े बताते हैं कि कौशल विकास मिशन केवल योजनाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि वास्तविक रोजगार सृजन पर भी सक्रियता से काम कर रहा है।
युवा बनेंगे आत्मनिर्भर
सरकार का मानना है कि जब प्रदेश का प्रत्येक युवा कौशलयुक्त और आत्मनिर्भर होगा, तभी प्रदेश की अर्थव्यवस्था नई ऊंचाइयों को छू सकेगी। रोजगार मेले इसी दिशा में एक मजबूत कदम साबित होंगे। यह अवसर न केवल नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं के लिए आशा की नई किरण है, बल्कि प्रदेश के विकास में भी इन युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका तय करेगा।
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