स्मार्ट DL योजना की पृष्ठभूमि
2019 में स्मार्ट चिप आधारित DL बनाने की जिम्मेदारी एक निजी कंपनी को सौंपी गई थी। नियमानुसार DL आवेदक के पते पर एक सप्ताह के भीतर पहुंचना था। लेकिन चिप की कमी और तकनीकी गड़बड़ियों के कारण हजारों लाइसेंस महीनों तक नहीं बन पाए। रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान चिप की आपूर्ति प्रभावित होने से स्थिति और खराब हुई थी। 2023 में एक समय पर तीन लाख DL लंबित हो गए थे।
नई कंपनियों की जिम्मेदारी
शासन ने आम लोगों की सुविधा को देखते हुए नए टेंडर के तहत तीन कंपनियों को कार्य सौंपा है। परिवहन आयुक्त किंजल सिंह के अनुसार, ये कंपनियां 1 दिसंबर 2025 से DL निर्माण और वितरण का कार्य शुरू करेंगी। अभी तक काम कर रहे निजी स्टाफ नई कंपनियों और अधिकारियों की देखरेख में कार्य करेंगे।
कंपनियों के जिम्मेदार जिले
फोकाम नेट प्राइवेट लिमिटेड: आगरा, मथुरा, अलीगढ़, इटावा, कानपुर, प्रयागराज, फतेहपुर, झांसी, ललितपुर, चित्रकूट और अन्य जिले।
रोजमार्टा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड: वाराणसी, गाजीपुर, मऊ, बलिया, गोरखपुर, महराजगंज, कुशीनगर, बस्ती, मीरजापुर, भदोही, सोनभद्र, बुलंदशहर, गौतमबुद्ध नगर, मेरठ, बागपत, सहारनपुर, शामली और अन्य जिले।
सिल्वर टच टेक्नोलॉजीज लिमिटेड: हरदोई, लखीमपुर-खीरी, लखनऊ, रायबरेली, सीतापुर, गोंडा, अमेठी, अंबेडकर नगर, रामपुर, मुरादाबाद, शाहजहांपुर और अन्य जिले।
छात्र और वाहन चालकों के लिए लाभ
इस नए प्रबंध से DL वितरण में तेजी आएगी और लंबित आवेदन जल्द पूरे किए जाएंगे। अब लोगों को DL पाने के लिए महीनों तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। प्रदेशभर में प्रतिदिन लगभग 10 हजार आवेदन होते हैं, जिन्हें अब आसानी से पूरा किया जा सकेगा।

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