नई व्यवस्था क्यों महत्वपूर्ण?
अभी तक किराएदारी संबंधी दस्तावेज़ दो तरीकों से बनते थे। 100 रुपये के स्टांप पर साधारण लिखापढ़ी, जिसकी कानूनी वैधता सीमित थी। रजिस्ट्री कार्यालय में पंजीकरण, जिसके लिए 4–5 प्रतिशत तक स्टांप शुल्क देना पड़ता था। यह प्रक्रिया आम लोगों के लिए महंगी और जटिल साबित होती थी। लेकिन, नई व्यवस्था में मात्र 500 रुपये के स्टांप पर कानूनी रूप से मान्य रेंट एग्रीमेंट तैयार किया जा सकेगा, जिससे दस्तावेज मजबूत और मान्य होंगे।
गाजीपुर दौरे पर की बड़ी घोषणा
अपनी गाजीपुर यात्रा के दौरान मंत्री रविंद्र जायसवाल ने विभागीय अधिकारियों व पार्टी पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने नई सुविधा की जानकारी दी। मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार का उद्देश्य किराएदारी से जुड़े विवादों को कम करना और प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना है। नई व्यवस्था से मकान मालिक और किराएदार के अधिकारों को कानूनी सुरक्षा मिलेगी।
किराएदार और मकान मालिक, दोनों को फायदा
किराएदारों को लाभ: कम खर्च में कानूनी रूप से सुरक्षित समझौता, किसी भी विवाद की स्थिति में मजबूत दस्तावेज़ की उपलब्धता, मनमानी बढ़ोतरी या गलत शर्तों से सुरक्षा
मकान मालिकों को लाभ: किराएदार से संबंधित विवादों में बेहतर कानूनी संरक्षण, किराया शर्तें और अवधि स्पष्ट रूप से तय, संपत्ति सुरक्षित रखने में सुविधा, प्रक्रिया होगी सरल, समय की बचत
सरकार का दावा है कि नई प्रणाली से रेंट एग्रीमेंट बनवाने की प्रक्रिया तेज होगी। लंबी-चौड़ी कागजी कार्रवाई और अतिरिक्त शुल्क से छुटकारा मिलेगा। एक साधारण स्टांप पर तैयार एग्रीमेंट को कानूनी रूप से मान्यता मिलने से लोग बिना झिझक इस व्यवस्था का लाभ उठा सकेंगे।

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