इससे पहले, वाहन मालिक कई बार धनराशि की वापसी के लिए परिवहन विभाग से अनुरोध कर चुके थे, लेकिन लंबित प्रक्रियाओं और नियमों के कारण राशि वापस नहीं हो पा रही थी। अब लखनऊ के एआरटीओ प्रशासन को वीआईपी नंबर बुकिंग के फंसे पैसों की वापसी के लिए नोडल अधिकारी बनाया गया है।
प्रदीप कुमार सिंह, एआरटीओ लखनऊ ने बताया कि परिवहन आयुक्त के निर्देश पर उन्हें नोडल अधिकृत किया गया है। उन्होंने बताया कि लखनऊ में कुल सात आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से दो का भुगतान हो चुका है। राज्य के अन्य आठ जिलों से आवेदन आए हैं, जिनमें से तीन को पैसा लौटाया जा चुका है। कुल मिलाकर अब तक 13 में से पांच आवेदनकर्ता अपने पैसे वापस पा चुके हैं, जबकि बाकी के सत्यापन की प्रक्रिया इस सप्ताह पूरी कर दी जाएगी।
रिफंड की प्रक्रिया:
एआरटीओ प्रशासन ने स्पष्ट किया कि धनराशि उसी खाते में लौटाई जाएगी, जिससे मूल भुगतान किया गया था। इसका कारण यह है कि कई बार वाहन मालिकों ने दूसरे खातों से राशि जमा कराई थी, जिससे विवाद या लिटिगेशन की संभावना रहती। इस प्रक्रिया से पैसा सीधे मालिकों तक सुरक्षित रूप से पहुंचेगा।
क्या है विशेष बातें?
यह राशि “अनवांटेड” और “अनसर्विस्ड” मानी जाती है, क्योंकि यह उन वाहन मालिकों के खाते में थी जिन्हें वह वीआईपी नंबर नहीं मिला। अब इस योजना से वाहन मालिक अपने पैसे सीधे प्राप्त कर सकेंगे और यह प्रक्रिया काफी तेज और पारदर्शी होगी। इस कदम से न केवल वाहन मालिकों को राहत मिली है, बल्कि सरकार की पारदर्शिता और नागरिक सेवा में सुधार की पहल को भी मजबूती मिली है।

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