यूपी में इन कर्मियों की सेवा होगी समाप्त, आदेश हुआ जारी!

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने में लंबे समय तक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला सोशल मोबिलाइजेशन नेटवर्क (SM Net) अब अपने अंतिम चरण में है। सरकार ने प्रदेशभर में इस नेटवर्क की सेवाएं 31 मार्च 2026 के बाद समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया है। इससे न सिर्फ प्रशासनिक ढांचा बदलेगा, बल्कि इससे जुड़े सैकड़ों कर्मचारियों के कार्य क्षेत्र भी प्रभावित होंगे।

क्या है इसका सोशल मोबिलाइजेशन नेटवर्क?

साल 2002 में यूनिसेफ के सहयोग से स्थापित SM Net का मुख्य उद्देश्य था पोलियो उन्मूलन अभियान को जमीनी स्तर पर प्रभावी बनाना, समुदायों से संपर्क कर टीकाकरण के प्रति जागरूकता फैलाना, कठिन पहुंच वाले क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को लोगों तक पहुंचाना। मुरादाबाद और आसपास के जिलों में इस नेटवर्क ने पोलियो समाप्ति अभियान को सफल बनाने में बड़ी भूमिका निभाई थी।

पोलियो खत्म होने के बाद क्या भूमिका रही?

जब वर्ष 2013 में भारत पोलियो मुक्त घोषित हुआ, तब SM Net की सेवाएं समाप्त नहीं की गईं। इसके बजाय इन कर्मियों को स्वास्थ्य विभाग में अन्य कार्यों के लिए लगाया गया, जैसे नियमित टीकाकरण को बढ़ावा, कोल्ड चेन प्रबंधन, संस्थागत प्रसव के लिए महिलाओं को प्रेरित करना, समुदायों के बीच स्वास्थ्य कार्यक्रमों की जानकारी पहुंचाना।

2026 के बाद सेवाएं क्यों होंगी समाप्त?

यूनिसेफ द्वारा नेटवर्क को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है, जिसके आधार पर सरकार ने भी संबंधित आदेश जारी कर दिया। इसके बाद नेटवर्क के अंतर्गत काम कर रहे कर्मचारी इसी संरचना में कार्य नहीं कर पाएँगे। मुरादाबाद मंडल में वर्तमान में 129 कर्मचारी इस नेटवर्क से जुड़े हैं, जिनकी सेवाएं समाप्त हो जाएंगी।

जनपदवार कर्मचारी संख्या (वर्तमान स्थिति), मुरादाबाद: 11, संभल: 12, अमरोहा: 13, बिजनौर: 34, रामपुर: 59, इन सभी कर्मचारियों पर इस निर्णय का सीधा असर पड़ेगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक, रघुवीर सिंह के अनुसार इन कर्मचारियों को उनकी योग्यता और अनुभव के आधार पर अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों में समायोजित किया जा सकता है। इसका मतलब है कि इनका अनुभव बेकार नहीं जाएगा, बल्कि स्वास्थ्य विभाग के अन्य क्षेत्रों में उपयोग किया जा सकता है।

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