भारत के लिए 1 बड़ी खुशखबरी, अमेरिका हैरान, चीन सन्न!

नई दिल्ली। भारत के लिए एक बड़ी आर्थिक खुशखबरी है। प्रमुख रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.5% से बढ़ाकर 7% कर दिया है। यह संशोधन देश की पहली छमाही में उम्मीद से बेहतर 8% की ग्रोथ के बाद किया गया।

सितंबर की समाप्त दूसरी तिमाही में भारत की वास्तविक जीडीपी ग्रोथ 8.2% रही, जो अनुमान से कहीं अधिक है। क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी के अनुसार, इस बढ़त का मुख्य कारण निजी खपत रही, वहीं मैन्युफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्र ने भी आर्थिक वृद्धि में अहम योगदान दिया। उन्होंने बताया कि महंगाई कम होने के कारण लोगों का वैकल्पिक खर्च बढ़ा है, जिससे घरेलू मांग को मजबूती मिली।

विशेषज्ञों के अनुसार, जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी की मजबूत ग्रोथ घरेलू मांग, सेवा निर्यात में मजबूती और कम महंगाई का परिणाम है। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की रिपोर्ट में इसे देश की आर्थिक क्षमता का संकेत बताया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, सालाना आधार पर निर्यात में 5.6% की वृद्धि हुई, जबकि तिमाही आधार पर थोड़ी सुस्ती दिखाई दी। कुल मिलाकर, आर्थिक वृद्धि घरेलू मांग पर आधारित रही और सेवा निर्यात तथा श्रम-गहन क्षेत्रों ने इसे सहारा दिया।

आगे दिख सकता है अमेरिकी टैरिफ का असर

क्रिसिल और एचडीएफसी बैंक की रिपोर्टों के अनुसार, दूसरी छमाही में जीडीपी ग्रोथ का औसत लगभग 6.6% रहने की संभावना है। इसका कारण है आधार प्रभाव का कम होना, सरकारी खर्च की सामान्य गति और अमेरिका के ऊंचे टैरिफ का वैश्विक निर्यात पर असर।

इस सन्दर्भ में विशेषज्ञों की क्या है राय?

महिंद्रा समूह के CEO अनिश शाह ने कहा कि दूसरी तिमाही की वृद्धि घरेलू मांग की मजबूती और अर्थव्यवस्था की लचीलापन दर्शाती है। उद्योग संगठन एसोचैम के अध्यक्ष निर्मल कुमार मिंडा ने इसे नीतिगत स्थिरता और सुधार के परिणामस्वरूप वास्तविक वृद्धि का प्रमाण बताया। इस प्रकार, भारत की अर्थव्यवस्था ने न सिर्फ स्थिरता और मजबूती दिखाई है, बल्कि वैश्विक चुनौतियों और अमेरिकी टैरिफ जैसी परिस्थितियों के बावजूद भी उच्च वृद्धि की दिशा में कदम बढ़ाया है।

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