पहले और अब में फर्क:
पहले कर्मचारी को नौकरी छोड़ने के बाद अपना बकाया पैसा पाने में कई हफ्ते या महीने लग जाते थे। कंपनियां क्लियरेंस और पेपरवर्क की आड़ में भुगतान रोक देती थीं। नए नियम के अनुसार यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और तेज हो जाएगी। नौकरी बदलते समय अब कर्मचारियों को आर्थिक दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा।
लीव एनकैशमेंट और बकाया रकम:
48 घंटे के भीतर कर्मचारी को आखिरी महीने की सैलरी, लीव एनकैशमेंट और बकाया इंसेंटिव मिल जाएगा। वहीं, अचानक नौकरी से हटाए जाने वाले कर्मचारियों के लिए यह नियम एक सुरक्षा कवच की तरह काम करेगा। उन्हें तुरंत पैसा मिलने से घर-खर्च, EMI और अन्य जिम्मेदारियों पर दबाव कम होगा।
PF, ग्रेच्युटी और अन्य बेनिफिट्स:
नए लेबर लॉ में PF ट्रांसफर और ग्रेच्युटी पेमेंट को प्राथमिकता देने का प्रावधान है। अब PF ट्रांसफर और ग्रेच्युटी भुगतान डिजिटल प्रक्रिया के माध्यम से तेज और सुरक्षित तरीके से होगा। लंबे समय से काम कर रहे या रिटायर होने वाले कर्मचारियों को भी तय समय में ग्रेच्युटी प्राप्त होगी, जिससे उनकी सेविंग और वित्तीय योजना बेहतर बन सके।

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