कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर इस योजना की रूपरेखा तय करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही किसानों की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष सेल के गठन पर भी जोर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश को ‘एग्रीकल्चर मशीनरी हब’ बनाने का लक्ष्य
बैठक में कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश में कृषि यंत्र निर्माण की अपार संभावनाएं हैं। इसी को देखते हुए सरकार स्थानीय कंपनियों के साथ-साथ अन्य राज्यों की निर्माण इकाइयों को भी प्रदेश में निवेश के लिए प्रोत्साहित करेगी। चूंकि यूपी में लघु और सीमांत किसानों की संख्या अधिक है, इसलिए छोटे, सस्ते और उपयोगी कृषि यंत्रों के विकास पर विशेष ध्यान देने की जरूरत पर भी बल दिया गया। इससे किसानों की लागत कम होगी और उत्पादन क्षमता बढ़ेगी।
ऑनलाइन इम्पैनलमेंट और पारदर्शिता की ओर कदम
कृषि विभाग जल्द ही कृषि यंत्रों के इम्पैनलमेंट की प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन करने जा रहा है। इससे कंपनियों के चयन की प्रक्रिया पारदर्शी और सरल बनेगी। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए ‘लेजर कट’ तकनीक भी लागू की जा रही है, जिसके तहत प्रत्येक कृषि यंत्र पर विशेष नंबर अंकित होगा। यह कदम अनियमितताओं को रोकने में बड़ी भूमिका निभाएगा।
भू-इंजीनियरिंग आधारित कृषि मॉडल पर मंथन
एक अन्य बैठक में कृषि मंत्री ने आइआईटी रूड़की के विशेषज्ञों के साथ भू-इंजीनियरिंग आधारित कृषि मॉडल पर चर्चा की। इस मॉडल के तहत मिट्टी, भू-जल और भूमि संरचना के वैज्ञानिक अध्ययन के आधार पर खेती के बेहतर तरीके तैयार किए जाएंगे। मंत्री ने पूर्व में किए गए प्रयोगों की लागत और उनके परिणामों का पुनर्मूल्यांकन कर 15 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। साथ ही आधुनिक भूमि प्रबंधन (एएलएम) कार्बन परियोजना को एक मंडल में लागू करने का प्रस्ताव भी रखा गया।
बीज वितरण की समीक्षा और किसानों से अपील
बैठक में गेहूं के बीज वितरण की प्रगति का भी मूल्यांकन किया गया। उपलब्ध 9.74 लाख क्विंटल बीज में से 7.58 लाख क्विंटल से अधिक बीज किसानों को दिए जा चुके हैं। कृषि मंत्री ने किसानों से 30 नवंबर से पहले बीज प्राप्त करने की अपील की, ताकि उन्हें सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी का लाभ मिल सके।
‘श्री अन्न’ गैलरी का उद्घाटन: मिलेट्स को नया मंच
कृषि भवन में ‘श्री अन्न (मिलेट्स) गैलरी’ का शुभारंभ भी किया गया। यह गैलरी पोषक अनाजों के महत्व, उनके पोषण मूल्य और प्रसंस्करण तकनीकों की जानकारी देने के उद्देश्य से बनाई गई है। इसके साथ ही 20 व्यक्तियों की क्षमता वाली लिफ्ट का लोकार्पण किया गया।
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