सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर तैयार हुआ ब्रिज कोर्स
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि प्राथमिक कक्षाओं में बीएड योग्यता के आधार पर बहाली नहीं हो सकती। इसके बावजूद राज्य में प्राथमिक स्तर पर बीएड प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति हो चुकी थी। ऐसे में कोर्ट ने राहत देते हुए सुझाव दिया कि इन शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाए, ताकि वे प्राइमरी स्तर की शिक्षण पद्धति को बेहतर ढंग से समझ सकें।
इसी आधार पर NCTE (राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद) ने छह महीने का विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किया, जिसकी जिम्मेदारी NIOS को दी गई। अब NIOS ने अपने 36वें स्थापना दिवस के मौके पर इस ब्रिज कोर्स का रजिस्ट्रेशन पोर्टल लॉन्च कर दिया है।
क्यों जरूरी है यह कोर्स?
प्राथमिक विद्यार्थियों के लिए अलग शिक्षण पद्धति की जरूरत होती है
बीएड धारक मुख्य रूप से उच्चतर कक्षाओं के लिए प्रशिक्षित होते हैं
ब्रिज कोर्स उन्हें बच्चों की बुनियादी सीखने की जरूरत, भाषा कौशल और गतिविधि-आधारित शिक्षण में दक्ष बनाता है

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