1. रोजगार और लेबर मोबिलिटी:
रूस ने घोषणा की है कि वह अपने औद्योगिक क्षेत्रों में 10 लाख भारतीय कुशल श्रमिकों को काम देगा। इसके लिए दोनों देशों ने लेबर मोबिलिटी समझौते का प्रारूप तैयार किया है, जिसमें श्रमिकों की आवाजाही, सुरक्षा और आव्रजन से जुड़े सभी पहलुओं को शामिल किया गया है।
2. रक्षा सहयोग – एस-400 राडार सिस्टम:
भारत रूस से पांच और एस-400 राडार सिस्टम खरीदने का इच्छुक है। भारत पहले ही पांच सिस्टम ले चुका है, जिनमें से तीन की आपूर्ति पूरी हो चुकी है। इस राडार सिस्टम ने ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियानों में अहम भूमिका निभाई है और इससे भारत की हवाई सुरक्षा और भी मजबूत होगी।
3. लड़ाकू विमानों का सह-उत्पादन – सुखोई-57:
भारत की वायुसेना को पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की तत्काल जरूरत है। शिखर सम्मेलन के दौरान सुखोई-57 विमानों के भारत में सह-उत्पादन पर चर्चा हो सकती है, जिसमें 114 विमानों की आपूर्ति और निर्माण शामिल हो सकता है। हालांकि अभी अभिकारिक घोषणा नहीं हुई हैं। ये खबर मीडिया रिपोट्स से आ रही हैं।

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