पिछली तिमाहियों से तुलना
पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में GDP की वृद्धि 5.6% रही थी, जबकि इस बार यह 7.8% की पिछली तिमाही से भी बढ़कर 8.2% पहुंच गई। इस वृद्धि में उपभोक्ता खर्च में तेजी और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का उत्कृष्ट प्रदर्शन मुख्य कारण माने जा रहे हैं।
जीएसटी कटौती का मामूली असर
कई रिपोर्ट्स ये बतलाती है की सितंबर तिमाही में जीएसटी कटौती का असर अपेक्षाकृत सीमित रहा। दरअसल, जीएसटी में बदलाव 22 सितंबर 2025 से लागू हुआ, इसलिए इसका व्यापक असर दिसंबर तिमाही के GDP आंकड़ों में देखने को मिलेगा।
इन आंकड़ों से साफ होता है कि भारत की अर्थव्यवस्था न केवल स्थिर बनी हुई है, बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी गति और मजबूती दिखाने लगी है। विशेषज्ञों के अनुमान भी अब भारतीय अर्थव्यवस्था की इस तेजी को सही तरीके से नहीं पकड़ पाए हैं। भारत की ये ग्रोथ कई बड़े देशों से बहुत आगे हैं।

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