शिकायत के बाद बढ़ी सख्ती
एनसीटीई (राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद) को शिकायत में बताया गया कि कई निजी स्कूलों में डीएलएड, बीएड, सीटीईटी या टीईटी पास किए बिना ही शिक्षक पढ़ा रहे हैं। यह न केवल मानकों के खिलाफ है बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता पर भी गंभीर प्रभाव डालता है। एनसीटीई ने इस पर नाराज़गी जताते हुए शिक्षा विभाग से तत्काल कार्रवाई की मांग की, जिसके बाद शासन स्तर पर निर्णय लेकर सभी जिलों में जांच शुरू करने की तैयारी की जा रही है।
सभी जिलों में होगी शिक्षकों की योग्यता की जांच
शासन के निर्देश के बाद अब 75 जिलों के जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) निजी स्कूलों में नियुक्त सभी शिक्षकों की शैक्षिक और व्यावसायिक योग्यता का विवरण जुटाएंगे। जहां भी मानक-केंद्रित योग्यता का पालन नहीं मिलता जहां बिना डीएलएड या बीएड के शिक्षक पढ़ाते पाए जाएंगे, या जहां टीईटी/सीटीईटी की अनिवार्य योग्यता का उल्लंघन मिलेगा वहां तत्काल कार्रवाई की जाएगी और संबंधित शिक्षकों को हटाया जा सकता है।
मोटी फीस, लेकिन शिक्षकों को कम वेतन
कई निजी स्कूल अभिभावकों से भारी भरकम फीस लेते हैं, लेकिन शिक्षकों को अपेक्षाकृत कम वेतन पर नियुक्त करते हैं। योग्यताधारी शिक्षक महंगे पड़ने के कारण कुछ स्कूल सिर्फ बीए/एमए पास या गैर-प्रशिक्षित स्टाफ से पढ़ाई करवा लेते हैं। इससे न केवल RTE अधिनियम का उल्लंघन होता है, बल्कि छात्रों की मूलभूत सीखने की क्षमता भी प्रभावित होती है। ऐसे में सरकार अब शिकंजा कसने की तैयारी में हैं।

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