कोडीन और एनडीपीएस दवाओं की अवैध बिक्री पर कार्रवाई
एफएसडीए के आयुक्त रोशन जैकब ने यह आदेश एनडीपीएस श्रेणी और कोडीन युक्त दवाओं के अवैध कारोबार में सामने आई अनियमितताओं के बाद जारी किया। आयुक्त ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे इन दवाओं की अवैध बिक्री और भंडारण पर कड़ी निगरानी रखें।
जाँच के दौरान पता चला कि कई दवा की दुकानें वास्तविक रूप में अस्तित्व में ही नहीं थीं। कुछ जगहों पर केवल मेज-कुर्सी रखी मिली, जहां केवल बिल बनाने का कार्य हो रहा था। कई दुकानों में दवाओं के भंडारण की व्यवस्था भी सही नहीं पाई गई।
लाइसेंस रद्द करने के आदेश
इन खामियों को देखते हुए, आयुक्त ने निर्देश दिए हैं कि जिन दुकानों में दवाओं का भंडारण नहीं है या बिक्री के वैध अभिलेख नहीं हैं, उनके लाइसेंस तुरंत रद्द किए जाएं। अधूरे अभिलेख देने वाले लाइसेंसधारक यदि तय समय में सही जानकारी नहीं देंगे, तो उनके लाइसेंस भी रद्द किए जाएंगे। साथ ही, जिन आवेदकों के पास पंजीकृत फार्मासिस्ट होगा, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर लाइसेंस दिया जाएगा। अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर आवेदन करने वालों का औषधि निरीक्षक सत्यापन करेगा।
किशोर और युवा वर्ग पर प्रभाव
आयुक्त ने कहा कि एनडीपीएस और कोडीन युक्त दवाओं का अवैध सेवन खासकर किशोर और युवा वर्ग द्वारा नशे के लिए किया जा रहा है। इससे न केवल स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं, बल्कि समाज में भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
संगठित अपराध पर कड़ी कार्रवाई
एफएसडीए ने निर्देश दिए हैं कि यदि किसी फर्म या व्यक्ति का नाम दवाओं की अवैध बिक्री और भंडारण में सामने आता है, तो उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसका उद्देश्य संगठित अपराध को जड़ से खत्म करना है।

0 comments:
Post a Comment