बिहार में माफिया की खैर नहीं, संपत्ति जब्त होगी, जेल जाएंगे

पटना। बिहार सरकार ने राज्य में माफिया सिंडिकेट को रोकने के लिए कड़ा रुख अपनाने का निर्णय लिया है। उपमुख्यमंत्री और नए गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने स्पष्ट किया कि अब कोई भी माफिया कानून की पकड़ से बाहर नहीं रहेगा। उनकी योजना में मुख्य रूप से तीन प्रकार के माफियाओं को निशाना बनाया गया है  जमीन माफिया, शराब माफिया और बालू माफिया।

सम्राट चौधरी ने कहा कि 400 माफियाओं की पहचान हो चुकी है और 1200 और लोगों की नई सूची तैयार है। इन लोगों के खिलाफ न्यायालय की मंजूरी के बाद उनकी संपत्ति जब्त की जाएगी और उन्हें जेल भेजा जाएगा। सरकार कानून-व्यवस्था को सुधारने और अपराध रोकने के लिए कई कदम उठा रही है। 

इसके तहत शहरों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे और संगठित अपराध पर नजर रखी जाएगी। सोशल मीडिया पर गाली-गलौज और आपत्तिजनक टिप्पणियों के मामलों में भी पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी। जेल सुधार भी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। कैदियों के खाने और मोबाइल जैसी चीजों पर निगरानी बढ़ाई जा रही है, और बाहर से खाना केवल डॉक्टर की अनुमति पर ही ले जाने की अनुमति होगी। जेल में होने वाले अपराधों की जांच और रोकथाम के लिए विशेष कदम उठाए जा रहे हैं।

वहीं, स्कूल और कॉलेज के आसपास होने वाली छेड़छाड़ और उत्पीड़न को रोकने के लिए ‘पिंक मोबाइल यूनिट’ और एंटी रोमियो स्क्वायड तैनात की जाएगी। ये टीमें स्कूल और कॉलेज खुलने-बंद होने के समय संवेदनशील क्षेत्रों पर निगरानी रखेंगी और त्वरित कार्रवाई करेंगी।

सम्राट चौधरी ने कहा कि राज्य में सुशासन, माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई और स्पीडी ट्रायल उनकी सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकताएं हैं। उनका उद्देश्य है कि बिहार में कानून का राज स्थापित हो और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो।

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