कर्मचारी संगठन का कहना है कि 8वें वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) में कई अहम बिंदु गायब हैं, जो सीधे कर्मचारियों और पेंशनर्स के भविष्य को प्रभावित कर सकते हैं। उन्होंने मांग की है कि OPS को फिर से लागू किया जाए, ताकि रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
NC JCM की मुख्य मांगें
1 .ओल्ड पेंशन स्कीम का पुनर्स्थापन: नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में शामिल कर्मचारियों के लिए OPS बहाल किया जाए।
2 .एक्स्पेक्टेशन ऑफ स्टेकहोल्डर्स क्लॉज: 7वें वेतन आयोग में मौजूद यह क्लॉज वापस ToR में जोड़ा जाए।
3 .अनफंडेड कॉस्ट हटाना: नॉन-कॉन्ट्रीब्यूटरी पेंशन स्कीम से जुड़ी लाइन ToR से हटाई जाए।
4 .आर्थिक राहत: कर्मचारियों और पेंशनर्स को 20% इंटरिम रिलीफ दिया जाए।
5 .कमीशन और पेंशन सुधार: 11 साल बाद कम्यूटेशन बहाल हो और हर 5 साल में पेंशन पर 5% अतिरिक्त बढ़ोतरी मिले।
6 .पुराने पेंशनर्स का रिवीजन: सभी पुराने पेंशनर्स को बेहतर रिवीजन कवरेज प्रदान किया जाए।
7 .आधिकारिक लागू तिथि: आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू मानी जाएँ।
कर्मचारियों की उम्मीदें
कर्मचारी संगठन मानते हैं कि अगर ToR में सुधार नहीं किया गया, तो इससे करोड़ों कर्मचारियों और पेंशनर्स पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इसलिए NC JCM ने सरकार से तुरंत कार्रवाई की अपील की है। यह पहल उन सरकारी कर्मचारियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, जो रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा और स्थिर पेंशन की उम्मीद रखते हैं। OPS की बहाली उनके लिए लंबे समय से चली आ रही मांगों में एक प्रमुख मुद्दा बनी हुई है।

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