गैप सर्टिफिकेशन से बढ़ेगी निर्यात क्षमता
सोमवार को विभागीय समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण बी.एल. मीणा ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रदेश के आमों की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय मांग को देखते हुए GAP सर्टिफिकेशन अत्यंत आवश्यक है। यह सर्टिफिकेशन किसानों को वैश्विक मानकों के अनुरूप खेती करने में मदद करेगा, जिससे निर्यात के अवसर और बढ़ेंगे।
दो चरणों में होगा कार्यक्रम
बी.एल. मीणा के अनुसार इंडी-GAP सर्टिफिकेशन कार्यक्रम दो चरणों में संचालित किया जाएगा
पहला चरण: प्रशिक्षण कार्यक्रम
पहले चरण में प्रगतिशील किसानों, किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) और निर्यातकों को दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें मुख्य रूप से फूड सेफ्टी, हाइजीन, प्रसंस्करण आधारित उत्पादों की गुणवत्ता। इन विषयों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा ताकि किसानों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की तैयारी कराई जा सके।
दूसरा चरण: मॉडल फार्म की स्थापना
दूसरे चरण में चयनित किसान संगठनों के साथ मिलकर मॉडल फार्म स्थापित किए जाएंगे। इनके माध्यम से किसानों को उन्नत तकनीकों, उर्वरक व कीटनाशक उपयोग के मानकों और बेहतर पैदावार के तरीकों की जानकारी दी जाएगी।
जिलों में तैयार होगी किसानों की सूची
सभी उप निदेशक उद्यान और जनपदीय उद्यान अधिकारियों को अपने-अपने जिलों में प्रगतिशील किसानों, किसान उत्पादक संगठनों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। इससे आगामी प्रशिक्षण कार्यक्रम में अधिक से अधिक किसानों की भागीदारी सुनिश्चित हो सकेगी।
उद्योग नीति-2023 के लाभार्थियों को भी जोड़ा जाएगा
अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि उद्योग नीति 2023 के लाभार्थी, संरक्षित खेती (Protected Cultivation) करने वाले किसान, और प्रदेश के प्रमुख आम उत्पादक किसान सभी को इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से जोड़ा जाए ताकि अधिक से अधिक किसानों को GAP सर्टिफिकेशन प्राप्त हो सके।
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