जापान ने चीन के नजदीक तैनात की मिसाइल, तनाव बढ़ा!

न्यूज डेस्क। एशिया–प्रशांत क्षेत्र में पहले से मौजूद भू-राजनीतिक तनाव अब और तेज हो गया है। ताइवान को लेकर चीन और जापान के बीच बढ़ते मतभेद के बीच टोक्यो ने एक बड़ा कदम उठाते हुए अपने सबसे दक्षिणी द्वीप योनागुनी पर मिसाइल व्यवस्था तैनात कर दी है। यह वही द्वीप है जो ताइवान से लगभग 112 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और रणनीतिक रूप से अत्यंत संवेदनशील माना जाता है।

जापानी रक्षा मंत्री का दौरा और संदेश

जापान के रक्षा मंत्री शिंजिरो कोइजूमी हाल ही में योनागुनी पहुंचे और वहां की सैन्य तैयारियों का निरीक्षण किया। उन्होंने साफ कहा कि मिसाइलों की यह तैनाती किसी भी संभावित हमले की आशंका को कम करने के उद्देश्य से है, न कि तनाव बढ़ाने के लिए। जापान लंबे समय से अपने दक्षिणी द्वीपों की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने पर काम कर रहा है, और यह कदम उसी रणनीति का हिस्सा बताया जा रहा है।

दक्षिणी रक्षा श्रृंखला में योनागुनी की अहम भूमिका

योनागुनी द्वीप जापान की दक्षिणी सुरक्षा व्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इससे पहले जापान ने पास के अन्य द्वीपों इशिगाकी और मियाको पर भी एंटी-शिप मिसाइलें और उन्नत निगरानी प्रणाली तैनात की थीं। योनागुनी की विशेषता यह है कि यह चीन की तथाकथित ‘फर्स्ट आइलैंड चेन’ पर स्थित है, जहां से ताइवान जलडमरूमध्य और पूर्वी चीन सागर की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखी जा सकती है।

जापान की इस सैन्य सक्रियता पर चीन की कड़ी प्रतिक्रिया

जापान की इस सैन्य सक्रियता पर चीन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने बयान जारी कर कहा कि टोक्यो ताइवान के मामले में गैर–जिम्मेदाराना तरीके से ‘‘रेड लाइन पार’’ कर रहा है। उन्होंने जापानी प्रधानमंत्री साने ताकाइची के उस बयान पर भी नाराजगी जताई, जिसमें ताइवान पर चीन की किसी संभावित नाकेबंदी या सैन्य कार्रवाई को जापान के लिए ‘‘जवाबी सैन्य कदम’’ की वजह बताया गया था।

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