पहले यह योजना इंदिरा आवास योजना के नाम से जानी जाती थी, जिसे बदलाव के बाद अधिक व्यापक और पारदर्शी ढंग से लागू किया गया। सरकार का लक्ष्य है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बेघर या कच्चे घरों में रहने वाले प्रत्येक योग्य परिवार को एक मजबूत, सुरक्षित और टिकाऊ आवास उपलब्ध कराया जाए।
अब तक 3 करोड़ से अधिक घरों की मंजूरी
पीआईबी के अनुसार योजना की शुरुआत से अब तक 3 करोड़ से ज्यादा आवास स्वीकृत किए जा चुके हैं। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि वर्ष 2029 तक अतिरिक्त 2.95 करोड़ घरों का निर्माण पूरा कर ‘सबके लिए आवास’ लक्ष्य को हासिल करने का रोडमैप तैयार किया गया है। मौजूदा प्रावधानों के अनुसार मैदानी क्षेत्रों में आवास निर्माण के लिए 1.20 लाख रुपये की सहायता, पर्वतीय या कठिन भूभागों में 1.30 लाख रुपये तक की सहायता प्रदान की जाती है।
AwaasApp से मिलेगी जानकारी
योजना की पारदर्शिता को मजबूत करने के लिए सरकार ने AwaasApp मोबाइल ऐप को भी अपडेट किया है। इस ऐप के माध्यम से लाभार्थी अपने घर निर्माण की रियल-टाइम प्रगति देख सकते हैं, जियो-टैगिंग की सुविधा उपलब्ध है, और शिकायतें दर्ज कराने की सुविधा भी दी गई है। यह ऐप योजना के क्रियान्वयन को तेज और ज्यादा पारदर्शी बनाने में मदद कर रहा है।
दूसरी लिस्ट जल्द जारी होगी
सरकार ने स्पष्ट किया है कि पहली लिस्ट जारी होने के लगभग एक महीने बाद दूसरी सूची भी जारी की जाएगी। जिन परिवारों का नाम पहली सूची में नहीं था, उन्हें दोबारा शामिल किए जाने का अवसर मिलेगा। इसके लिए देशभर में राज्यवार और जिला स्तर पर नया सर्वे चलाया जा रहा है।
अपना नाम लिस्ट में कैसे देखें?
लाभार्थी बिना रजिस्ट्रेशन नंबर के भी ऑनलाइन अपनी स्थिति देख सकते हैं। आधिकारिक वेबसाइट pmayg.nic.in पर जाए। ‘Stakeholders’ सेक्शन चुनें, ‘IAY/PMAYG Beneficiary’ या ‘Search Beneficiary’ पर क्लिक करें, रजिस्ट्रेशन नंबर न होने पर ‘Advanced Search’ चुनें, राज्य, जिला, ब्लॉक और गांव चुनें, कैप्चा भरकर ‘Submit’ दबाएं। इसके बाद गांव की पूरी लाभार्थी सूची, मंजूरी की स्थिति और किश्तों से संबंधित जानकारी दिख जाएगी।

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