यूपी में 'शिक्षकों' को बड़ी खुशखबरी, सरकार ने दी राहत!

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के लिए नई व्यवस्था लागू की जा रही है, जो उपस्थिति दर्ज करने की प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और तकनीक आधारित बनाएगी। शासन ने इस प्रणाली में शिक्षकों के हित और नेटवर्क बाधाओं को ध्यान में रखते हुए कई राहत भरे प्रावधान किए हैं।

ऑनलाइन उपस्थिति में एक घंटे की छूट

नई व्यवस्था के अनुसार शिक्षक स्कूल खुलने के निर्धारित समय से एक घंटे के भीतर ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कर सकते हैं। एक घंटे के बाद सिस्टम अपने आप लॉक हो जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि अगर शिक्षक थोड़ी देर से स्कूल पहुंचते हैं, तो उन्हें अनुपस्थित नहीं माना जाएगा। नेटवर्क बाधित क्षेत्रों के लिए ऑफलाइन मोड की सुविधा भी दी गई है, जिसमें दर्ज उपस्थिति नेटवर्क उपलब्ध होते ही स्वतः ऑनलाइन लिंक हो जाएगी।

प्रधानाध्यापक और अन्य शिक्षक जिम्मेदार

विद्यालय की उपस्थिति प्रधानाध्यापक द्वारा दर्ज की जाएगी। यदि प्रधानाध्यापक किसी कारण से यह कार्य नहीं कर पाते हैं, तो जिम्मेदारी किसी अन्य शिक्षक को सौंप दी जाएगी। बेसिक शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी शिक्षक के खिलाफ बिना कारण नोटिस जारी किए या उनकी बात सुने बिना कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

तकनीकी समिति का गठन

शासन ने उपस्थिति व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए तकनीकी समिति का गठन किया है। समिति स्कूल शिक्षा महानिदेशक की अध्यक्षता में काम करेगी। इसका उद्देश्य माध्यमिक शिक्षा विभाग में लागू डिजिटल उपस्थिति प्रणाली को प्राथमिक शिक्षा में भी लागू करना और आवश्यक प्लेटफार्म तैयार करना है।

समिति में समाज कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक, बेसिक शिक्षा निदेशक, SCERT निदेशक, लखनऊ के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, CBSE के पूर्व चेयरमैन अशोक गांगुली और विभिन्न जिलों के शिक्षक सदस्य शामिल हैं।

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