लखीसराय। बिहार में खेती-किसानी को लाभकारी बनाने के लिए सरकार लगातार नई योजनाएँ शुरू कर रही है। मौसम के बदलते मिज़ाज और पारंपरिक खेती की बढ़ती लागत ने किसानों को विकल्प तलाशने पर मजबूर कर दिया है। ऐसे समय में राज्य सरकार ने किसानों को नई दिशा देने के लिए एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत टिश्यू कल्चर केले की खेती को बढ़ावा देने का बड़ा ऐलान किया है।
लखीसराय में 50 हेक्टेयर में केले की खेती का लक्ष्य
जिले के उद्यान पदाधिकारी राजीव रंजन के अनुसार, लखीसराय में इस योजना के तहत 50 हेक्टेयर में टिश्यू कल्चर केला की बागवानी का लक्ष्य रखा गया है। किसानों को हर हेक्टेयर के लिए 1,75,000 रुपये की लागत का 40%, यानी 70,000 रुपए अनुदान के रूप में दिए जाएंगे। यह राशि दो किस्तों में किसानों के खातों में भेज दी जाएगी—
पहली किस्त: ₹42,000 (60%)
दूसरी किस्त: ₹28,000 (40%)
इस आर्थिक मदद का उद्देश्य है कि जिले के ज्यादा-से-ज्यादा किसान पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर बागवानी की ओर आएँ और अधिक लाभ कमाएँ।
कौन कर सकता है आवेदन?
इस योजना में किसान न्यूनतम 0.25 एकड़, अधिकतम 2 हेक्टेयर (लगभग 5 एकड़) तक के लिए आवेदन कर सकते हैं। लखीसराय में इस योजना पर राज्य और केंद्र सरकार मिलकर कुल 21 लाख रुपये खर्च करेगी। सरकार की ओर से किसानों को उन्नत किस्मों के टिश्यू कल्चर पौधे जैसे मालभोग, चिनिया, G9, उपलब्ध कराए जाएंगे। ये किस्में अधिक उत्पादन, बेहतर गुणवत्ता और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए जानी जाती हैं।
योजना का लाभ कैसे उठाएँ?
यह योजना केवल उन किसानों के लिए है जो DBT पोर्टल पर पंजीकृत हैं। आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है। किसान horticulture.bihar.gov.in वेबसाइट पर जाएं, यहां टिश्यू कल्चर केला क्षेत्र विस्तार योजना का विकल्प चुनकर आवश्यक विवरण भरना होगा।
लाभ का वितरण पहले आओ–पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा। इससे चयन प्रक्रिया पारदर्शी रहेगी और ज्यादा किसानों तक योजना का लाभ पहुंच सकेगा। यदि किसी किसान को आवेदन में कठिनाई या किसी अधिकारी द्वारा लापरवाही का सामना करना पड़ता है, तो वह सीधे जिला उद्यान पदाधिकारी से संपर्क कर सकता है।

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