अध्ययन में पाया गया कि जिन पुरुषों में विटामिन की कमी थी, उनके शुक्राणुओं के आकार और संरचना में विकृतियां थीं। इससे शुक्राणु की गतिशीलता और संख्या पर नकारात्मक असर पड़ा। मोटे पुरुषों में स्पर्म मोटिलिटी में लगभग 35% तक गिरावट देखी गई, और जिनका बीएमआई सामान्य से अधिक था, उनमें शुक्राणुओं की संख्या में 22–28% तक कमी दर्ज की गई।
विशेषज्ञ डॉ. मोहम्मद असलम के अनुसार, शरीर में अधिक वसा एंडोक्राइन सिस्टम को प्रभावित करता है, जिससे टेस्टोस्टेरोन का स्तर घटता है और शुक्राणु उत्पादन कमजोर होता है। विटामिन बी6 और बी12 की कमी वाले पुरुषों में शुक्राणुओं की संरचना (मॉर्फोलॉजी) में विकृति देखी गई, जो सफल निषेचन की संभावना को कम करती है।
इसके अलावा, शुगर या प्री-डायबिटिक प्रोफाइल वाले पुरुषों में भी वीर्य की गुणवत्ता सामान्य से कमजोर पाई गई। बदलती जीवनशैली, फास्ट फूड, देर रात तक जागना, तनाव, नशा और कुछ सेक्सवर्धक दवाओं के सेवन से युवाओं में बांझपन की समस्या तेजी से बढ़ रही है।
डॉ. असलम ने कहा कि पुरुषों के लिए संतुलित भोजन, नियमित व्यायाम, विटामिन युक्त आहार और जीवनशैली में सुधार बेहद जरूरी है। इससे न केवल शुक्राणु की संख्या और गुणवत्ता बेहतर होगी, बल्कि प्रजनन क्षमता भी सुरक्षित रहेगी। यह अध्ययन पुरुषों में बांझपन की बढ़ती समस्या को रोकने और जागरूकता फैलाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
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