सभी जिलों को भेजा गया निर्देश
शिक्षा विभाग की ओर से जारी पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि राज्यकोष से वेतन प्राप्त करने वाले संस्कृत शिक्षक, मदरसा शिक्षक, अल्पसंख्यक विद्यालयों के शिक्षक, रात्रि प्रहरियों सभी को एक ही दिन, यानी महीने की पहली तारीख को वेतन का भुगतान किया जाएगा। निदेशक, प्राथमिक शिक्षा साहिला ने यह आदेश सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों (DEO) और जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (DPO) को भेज दिया है, ताकि नई प्रक्रिया को तुरंत लागू किया जा सके।
पुराने वेतनमान वाले शिक्षकों के लिए नई प्रक्रिया
नई एसओपी के अनुसार पुराने वेतनमान वाले नियमित शिक्षकों के लिए वेतन भुगतान की चरणबद्ध प्रक्रिया इस प्रकार होगी:
20 से 25 तारीख: प्रखंड शिक्षा अधिकारी शिक्षकों की अनुपस्थिति रिपोर्ट जिला शिक्षा कार्यालय को भेजेंगे।
25 तारीख: जिला कार्यक्रम अधिकारी वेतन विपत्र तैयार करेंगे।
26 तारीख: वेतन विपत्र कोषागार में प्रस्तुत होगा।
30 तारीख: कोषागार अधिकारी वेतन स्वीकृत करेंगे।
1 तारीख: शिक्षकों के खाते में वेतन भेज दिया जाएगा।
नियोजित शिक्षकों के लिए भी वही व्यवस्था
राज्यकोष से वेतन पाने वाले नियोजित शिक्षकों के लिए भी यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी। वेतन शीट 25 तारीख तक तैयार हो जाएगी। 26 तारीख को कोषागार में भेजी जाएगी। 30 तारीख तक स्वीकृति मिलेगी। इस बीच 26 से 29 तारीख तक बैंक सलाह तैयार होगी और 30 तारीख को बैंक को भेज दी जाएगी। पहली तारीख को वेतन खातों में उपलब्ध होगा।
समग्र शिक्षा के कोष से वेतन पाने वाले शिक्षक
समग्र शिक्षा के अंतर्गत आने वाले नियोजित शिक्षक, नियमित वेतनमान वाले स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक, इनके लिए भी नई प्रक्रिया निर्धारित की गई है:
20 से 22 तारीख: अनुपस्थिति विवरणी जमा
25 से 28 तारीख: बैंक सलाह तैयार
29 तारीख: बैंक को भेजी जाएगी
1 तारीख: वेतन खातों में जमा
वेतन भुगतान प्रक्रिया होगी अधिक पारदर्शी
शिक्षा विभाग का मानना है कि नई एसओपी से वेतन भुगतान समय पर होगा, अधिकारियों की जिम्मेदारी स्पष्ट होगी, अनावश्यक देरी और त्रुटि की संभावना कम होगी, पूरी प्रणाली अधिक पारदर्शी बनेगी। राज्य सरकार के इस फैसले से लाखों शिक्षकों और कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही समस्या का समाधान होगा, साथ ही उनकी आर्थिक स्थिरता भी सुनिश्चित होगी।

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