सरकार ने स्पष्ट किया
लोकसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में वित्त मंत्रालय ने कहा है कि 8वें वेतन आयोग को कब लागू किया जाएगा, इस पर फैसला उचित समय पर लिया जाएगा। यानी सरकार ने फिलहाल किसी भी निश्चित तारीख की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि जब आयोग की सिफारिशें सरकार द्वारा मंजूर की जाएंगी, तो उन्हें लागू करने के लिए बजट में आवश्यक संसाधन सुनिश्चित किए जाएंगे।
2026 की तारीख पर लगी ब्रेक
बीते कई महीनों में यह अनुमान लगाया जा रहा था कि नया वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से प्रभावी हो सकता है। साथ ही ऐसी खबरें भी आईं कि इसके लागू होने की अन्य संभावित टाइमलाइनों पर भी विचार हुआ है जैसे: FY 2028 से प्रभावी करना, 1 जनवरी 2026 से शुरू होने वाली पांच तिमाहियों के एरियर देने का विकल्प, लेकिन मंत्रालय के ताजा बयान में इन किसी भी तारीख को समर्थन नहीं दिया गया है।
आयोग को रिपोर्ट देने में 18 महीने लगेंगे
सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि 8वें वेतन आयोग को औपचारिक रूप से नोटिफाई किया जा चुका है, और इसकी गठन तिथि 3 नवंबर 2025 तय की गई है। वित्त मंत्रालय के अनुसार, आयोग अपनी रिपोर्ट गठन तिथि से 18 महीनों के भीतर सौंप देगा। इसके साथ ही यह भी साफ कर दिया गया है कि कर्मचारियों के महंगाई भत्ता (DA) और पेंशनभोगियों के महंगाई राहत (DR) को बेसिक पे में मिलाने का फिलहाल कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
वित्तीय बोझ को लेकर भी बढ़ती चिंताएं
8वें वेतन आयोग से सरकारी बजट पर पड़ने वाले भारी असर को लेकर आर्थिक विशेषज्ञों की चिंता लगातार सामने आ रही है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) के सदस्य नीलकंठ मिश्रा का अनुमान है कि यदि आयोग को FY 2028 में लागू किया जाता है, तो केंद्र और राज्य सरकारों पर कुल वित्तीय बोझ 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है। अगर संभावित पांच तिमाहियों के एरियर को भी शामिल किया जाए, तो यह बोझ बढ़कर लगभग 9 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।

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