केंद्र सरकार की स्किम: इन लोगों को 3 लाख तक मदद!

नई दिल्ली। देश में कारीगरों और पारंपरिक काम-धंधों से जुड़े लोगों को सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार ने वर्ष 2023 में PM Vishwakarma Yojana की शुरुआत की थी। इस योजना का उद्देश्य उन लोगों को आर्थिक और तकनीकी सहायता देना है, जो अपने हुनर के दम पर जीवनयापन करते हैं। सरकार चाहती है कि ये कारीगरी सिर्फ एक परंपरा न रहें, बल्कि आधुनिक समय में भी आत्मनिर्भर बनने का मजबूत जरिया बनें।

PM विश्वकर्मा योजना से क्या-क्या मिलते हैं फायदे?

इस योजना के तहत कारीगरों को कई तरह के लाभ दिए जाते हैं—

1. मुफ्त ट्रेनिंग: सरकार कारीगरों को उनके काम से जुड़ी ट्रेनिंग उपलब्ध कराती है, जिससे वे नई तकनीकों के बारे में सीख सकें और अपने काम को बेहतर बना सकें।

2. ट्रेनिंग के दौरान भत्ता: ट्रेनिंग लेते समय लाभार्थियों को 500 रुपये प्रतिदिन का भत्ता दिया जाता है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर कोई असर न पड़े।

3. टूलकिट खरीदने के लिए राशि: अपने काम के लिए जरूरी उपकरण खरीदने हेतु सरकार 15,000 रुपये की वित्तीय सहायता देती है।

4. काम शुरू करने के लिए लोन: शुरुआत में 1 लाख रुपये तक का आसान लोन मिलता है। यदि लाभार्थी समय पर लोन चुका देता है, तो उसे आगे 2 लाख रुपये तक का अतिरिक्त लोन भी मिल सकता है। यह सभी लोन कम ब्याज दरों पर दिए जाते हैं, ताकि कारीगर आसानी से अपना काम आगे बढ़ा सकें।

कौन-कौन इस योजना के लिए अप्लाई कर सकता है?

यह योजना उन सभी लोगों के लिए है जो किसी भी तरह के हस्तशिल्प, कारीगरी या पारंपरिक काम से जुड़े हैं। इनमें शामिल हैं—सुनार, गुड़िया/खिलौने बनाने वाले, हथौड़ा या औज़ार बनाने वाले, दर्जी और धोबी, पत्थर तराशने वाले, मोची, झाड़ू, चटाई या टोकरी बनाने वाले, ताला बनाने वाले, त्योहारों से जुड़ा पारंपरिक काम करने वाले लोग आदि।

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