न्यूक्लियर ट्रायड: भारत की सबसे बड़ी बढ़त
भारत को परमाणु रणनीति के क्षेत्र में सबसे बड़ी बढ़त उसके न्यूक्लियर ट्रायड से मिलती है। न्यूक्लियर ट्रायड का मतलब है — थल (भूमि आधारित मिसाइल), जल (पनडुब्बी से लॉन्च) और वायु (लड़ाकू विमानों से) — तीनों माध्यमों से परमाणु हथियार दागने की क्षमता। भारत यह क्षमता रखने वाले चुनिंदा देशों में शामिल है।
दूसरी ओर, पाकिस्तान के पास अभी तक पूर्ण न्यूक्लियर ट्रायड नहीं है। उसकी परमाणु क्षमताएं मुख्यतः भूमि और कुछ हद तक हवाई हमलों तक सीमित हैं। जल के जरिए परमाणु हमला करने की उसकी क्षमता बेहद सीमित है, जिससे युद्ध के हालात में उसकी रणनीतिक लचीलापन कमजोर पड़ सकता है।
तकनीकी और सामरिक श्रेष्ठता
भारत द्वारा विकसित मिसाइल सिस्टम — अग्नि, पृथ्वी, और ब्रह्मोस — उसे लंबी दूरी की मारक क्षमता के साथ-साथ सटीक निशानेबाज़ी में भी बढ़त दिलाते हैं। वहीं, INS Arihant जैसी न्यूक्लियर पनडुब्बी भारत को "सेकंड स्ट्राइक" की विश्वसनीय क्षमता प्रदान करती है।
पाकिस्तान ने भी शॉर्ट-रेंज न्यूक्लियर मिसाइल के जरिए रणनीतिक जवाब देने की कोशिश की है, लेकिन यह क्षमता अब तक भारत की ट्रायड क्षमता के सामने काफी सीमित मानी जाती है। हालांकि भारत की "No First Use" (NFU) नीति यानी ‘पहले हमला न करने’ की नीति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिम्मेदार परमाणु शक्ति की छवि बनाती है।
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