बिहार में गाय पालन के लिए 20 लाख दे रही सरकार

पटना: बिहार सरकार ने पशुपालन को ग्रामीण रोजगार से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में राज्य भर में कुल 3583 नई डेयरियों की स्थापना की जाएगी, जिस पर 48 करोड़ 48 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। सरकार का लक्ष्य है कि इस पहल के जरिए राज्य में लगभग 60 हजार लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध हो।

गाय पालन पर मिलेगा 20 लाख तक अनुदान

राज्य सरकार की इस योजना के तहत 2, 4, 10, 15 और 20 उन्नत नस्ल की गायों वाली डेयरियों को सब्सिडी के तहत प्रोत्साहन मिलेगा। 20 गायों वाली एक डेयरी खोलने पर लगभग 20 लाख रुपये की लागत आएगी, जिसमें 40% तक की सब्सिडी दी जाएगी। यह योजना सामान्य, अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) के लोगों के लिए लागू की गई है।

15-15 गायों की दो-दो डेयरियां प्रत्येक जिले में

राज्य के हर जिले में 15 गायों की दो डेयरियां और 20 गायों की एक डेयरी खोली जाएगी। 15 गायों की डेयरी पर प्रति यूनिट 15 लाख रुपये खर्च होंगे। यह योजना सभी वर्गों के लिए खुली है, जिसमें 40% का अनुदान दिया जाएगा।दो गायों की डेयरी पर 1.74 लाख रुपये प्रति यूनिट खर्च आएगा। कुल 1798 डेयरियां सभी वर्गों के लिए खोली जाएंगी, जिसमें 50% सब्सिडी मिलेगी। 

अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए 295, SC वर्ग के लिए 613, और ST वर्ग के लिए 344 डेयरियां आरक्षित हैं। इन वर्गों को 75% तक अनुदान मिलेगा। जबकि चार गायों की डेयरी पर 3.90 लाख रुपये का खर्च आएगा, जिसमें 359 डेयरियां सभी वर्गों के लिए और 60 डेयरियां EBC वर्ग के लिए खोली जाएंगी। यहां भी सभी को 50% और EBC को 75% सब्सिडी का प्रावधान है।

बिहार में श्वेत क्रांति को मिलेगा बल

राज्य सरकार का मानना है कि इस महत्वाकांक्षी योजना से बिहार में दुग्ध उत्पादन को गति मिलेगी और श्वेत क्रांति को नया आयाम मिलेगा। साथ ही गौपालकों के लिए स्वरोजगार के अवसर भी तेजी से बढ़ेंगे। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, इस योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा और लाभुकों का चयन पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से होगा। आवेदन प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है।

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