समग्र विकास को मिलेगा बढ़ावा
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत छात्रों के समग्र विकास, जीवन कौशल, टीमवर्क और सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस समर कैंप का आयोजन किया जा रहा है। छात्रों को मनोरंजक, रचनात्मक और शैक्षिक गतिविधियों के माध्यम से सीखने के नए अवसर मिलेंगे।
सात सदस्यीय कमेटी करेगी पर्यवेक्षण
जनपद स्तर पर समर कैंप की निगरानी और बेहतर संचालन के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति बनाई जाएगी। इसमें जिला विद्यालय निरीक्षक को सदस्य सचिव, जबकि मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला क्रीड़ा अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी और एक राजकीय विद्यालय के प्रधानाचार्य को सदस्य बनाया जाएगा।
अभिभावकों की सहमति अनिवार्य
कैंप में शामिल होने के लिए छात्रों के अभिभावकों की लिखित सहमति आवश्यक होगी। 16 मई से पहले यह सहमति पत्र विद्यालयों को उपलब्ध कराना होगा। सभी स्कूलों में प्रधानाचार्य की बैठक कर कैंप आयोजन की तैयारियां पूरी करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।
न्यूनतम तीन घंटे का होगा कैंप
प्रत्येक समर कैंप रोजाना कम से कम तीन घंटे का होगा। शिक्षकों की ड्यूटी भी तय की गई है—यदि किसी स्कूल में 100 से कम छात्र भाग ले रहे हैं, तो एक शिक्षक, और 100 से अधिक होने पर दो शिक्षकों को रोका जाएगा। इन शिक्षकों को उपार्जित अवकाश (Earned Leave) भी प्रदान किया जाएगा।
कैंप में होंगी ये रोचक गतिविधियां
समर कैंप को छात्र-छात्राओं के लिए रुचिकर बनाने के लिए विभिन्न गतिविधियां तय की गई हैं, जिनमें शामिल हैं: योग एवं व्यायाम, खेलकूद और रंगोली निर्माण, मिट्टी कला और चित्रकला, किचन गार्डन व आरोग्य वाटिका निर्माण, कहानी लेखन और वीडियो एडिटिंग, करियर गाइडेंस और जीवन कौशल से जुड़ी कार्यशालाएं, साइबर सुरक्षा की जानकारी, बैंक, पोस्ट ऑफिस, तहसील, थाना जैसी संस्थाओं के कार्यों की जानकारी, प्रार्थना पत्र की ड्राफ्टिंग सिखाई जाएगी, एक दिवसीय स्थानीय पर्यटन स्थलों का भ्रमण भी कराया जाएगा।
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