बता दें की इस महत्वाकांक्षी योजना से यूपी की आवागमन प्रणाली, व्यापारिक गतिविधियां और आर्थिक विकास को नई रफ्तार मिलेगी। करीब 22,244 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इन कॉरिडोर की मदद से प्रदेश के कई जिलों को सीधा लाभ मिलेगा।
जानिए कौन से हैं ये 8 नए कॉरिडोर और किन जिलों को होगा फायदा
1 .लखीमपुर-लखनऊ-चित्रकूट-सतना कॉरिडोर
लंबाई: 111 किमी
लागत: ₹1,425 करोड़
फायदा: लखीमपुर, लखनऊ, चित्रकूट को मध्यप्रदेश के सतना से जोड़ेगा। धार्मिक और पर्यटन गतिविधियों को मिलेगा बढ़ावा।
2 .श्रावस्ती-गोंडा-अयोध्या-प्रयागराज-रीवा कॉरिडोर
लंबाई: 337 किमी
लागत: ₹3,288 करोड़
फायदा: धार्मिक नगरी अयोध्या और प्रयागराज के साथ-साथ रीवा को जोड़कर तीर्थ और व्यापारिक पर्यटन को बढ़ाएगा।
3 .भोगिनीपुर-औरेया-कन्नौज-हरदोई-सीतापुर-लखीमपुर-गौरीफंटा (नेपाल बॉर्डर)
लंबाई: 342 किमी
लागत: ₹3,152 करोड़
फायदा: नेपाल सीमा तक व्यापारिक कनेक्टिविटी को मजबूती, खासकर कृषि और फूड प्रोसेसिंग उद्योगों को लाभ।
4 .ककरहवा (नेपाल बॉर्डर)-बांसी-बस्ती-जौनपुर कॉरिडोर
लंबाई: 273 किमी
लागत: ₹1,050 करोड़
फायदा: पूर्वांचल के जिलों को नेपाल से जोड़ेगा, पर्यटन और सीमा पार व्यापार को मिलेगा बढ़ावा।
5 .पिथौरागढ़-पीलीभीत-शाहजहांपुर-कानपुर-हमीरपुर-छतरपुर (मध्यप्रदेश)
लंबाई: 469 किमी
लागत: ₹3,200 करोड़
फायदा: उत्तराखंड से लेकर मध्यप्रदेश तक सीधी सड़क कनेक्टिविटी, व्यापार और माल परिवहन को सहूलियत।
6 .कोटद्वार-नजीबाबाद-अमरोहा-इटावा-ललितपुर-सागर (मध्य प्रदेश)
लंबाई: 640 किमी
लागत: ₹7,545 करोड़
फायदा: पश्चिमी यूपी से मध्य भारत तक संपर्क, औद्योगिक क्षेत्रों को फायदा।
7 .काशीपुर-मुरादाबाद-हाथरस-मथुरा-भरतपुर (राजस्थान)
लंबाई: 268 किमी
लागत: ₹1,584 करोड़
फायदा: पश्चिमी यूपी और राजस्थान के बीच पर्यटन व उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
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