विशेषज्ञों के अनुसार, 30 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं या जिनका सामान्य प्रसव हुआ है, उनके इस स्थिति की चपेट में आने की संभावना अधिक रहती है। हालांकि शुरुआती लक्षणों को समय रहते पहचान कर इसका इलाज आसानी से किया जा सकता है।
यह हैं बच्चेदानी खिसकने के 6 आम लक्षण:
1 .पेट या योनि में भारीपन या खिंचाव:
गर्भाशय खिसकने पर महिलाओं को निचले पेट या योनि क्षेत्र में भारीपन महसूस होता है, जो दिनभर काम करने के बाद बढ़ सकता है।
2 . बार-बार पेशाब आने की समस्या
मूत्राशय पर दबाव पड़ने के कारण पेशाब करने की इच्छा बार-बार महसूस होती है, लेकिन पेशाब पूरी तरह नहीं हो पाता।
3 .कमर दर्द या पीठ के निचले हिस्से में दर्द
यह दर्द लंबे समय तक बैठे रहने या खड़े रहने पर और अधिक बढ़ सकता है। इसे भूलकर भी नजरअंदाज करने की कोशिश न करें।
4 .योनि से कुछ बाहर निकलने जैसा महसूस होना
कुछ मामलों में महिलाएं यह महसूस करती हैं कि जैसे योनि से कुछ बाहर की ओर आ रहा है, जो एक गंभीर संकेत हो सकता है।
5 .कब्ज या मल त्याग में कठिनाई
बच्चेदानी के खिसकने से आंतों पर दबाव पड़ता है जिससे पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में डॉक्टर की सलाह लें।
6 .शारीरिक थकान और कमजोरी
शरीर में लगातार थकान और कमजोरी बनी रहना, खासकर कमर और पेट के निचले हिस्से में। ये बच्चेदानी खिसकने के संकेत हो सकते हैं।
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