बिहार में उच्च शिक्षा को लेकर सरकार का बड़ा फैसला

पटना। बिहार सरकार ने राज्य की उच्च शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक और बहुविकल्पीय बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। शिक्षा विभाग द्वारा जल्द ही नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCF) को प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा, जिसके तहत राज्य की सभी यूनिवर्सिटीज़ को बहुविषयक शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय (MERU - Multidisciplinary Education and Research University) के रूप में विकसित किया जाएगा।

बता दें की इस नई व्यवस्था के अंतर्गत छात्रों को एक ही समय में या अलग-अलग समय पर दोहरी डिग्री (Dual Degree) हासिल करने की सुविधा मिलेगी। यानी अब छात्र एक साथ दो विषयों में पढ़ाई कर सकेंगे या अपनी पसंद के अनुसार किसी अन्य समय पर दूसरी डिग्री प्राप्त कर सकेंगे।

क्या है 'मेरु' मॉडल?

‘मेरु’ यानी बहुविषयक शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय की परिकल्पना राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत की गई है। इसका मकसद छात्रों को एक सीमित विषय-धारा से बाहर निकाल कर उन्हें अधिक व्यावहारिक, लचीला और समावेशी शिक्षा मुहैया कराना है। इस मॉडल के तहत अब सिर्फ पारंपरिक डिग्रियों तक सीमित न रहकर छात्र इंजीनियरिंग, मानविकी, विज्ञान, सामाजिक अध्ययन जैसे विविध क्षेत्रों में एक साथ पढ़ाई कर सकेंगे।

छात्रों को मिलेगा दोहरा लाभ

शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, यह पहल न सिर्फ छात्रों की रुचियों के अनुसार शिक्षा पाने की स्वतंत्रता बढ़ाएगी, बल्कि उनके रोजगार के अवसरों को भी व्यापक बनाएगी। दोहरी डिग्री प्रणाली से अब एक छात्र एक साथ बी.एससी और बी.ए, या बी.कॉम और बी.एड जैसी डिग्रियां प्राप्त कर सकता है।

राज्य में शिक्षा की नई दिशा

यह फैसला बिहार को शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह न केवल छात्रों के अकादमिक विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि राज्य को देश के अग्रणी शिक्षा केंद्रों में शामिल करने की दिशा में भी एक अहम कदम होगा।

उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में होगा सुधार

एनसीएफ के लागू होने से पाठ्यक्रमों में लचीलापन बढ़ेगा और क्रेडिट ट्रांसफर की सुविधा भी मिलेगी। यानी यदि कोई छात्र किसी कारणवश बीच में पढ़ाई छोड़ता है, तो वह आगे चलकर उसी क्रेडिट के आधार पर पढ़ाई फिर से शुरू कर सकेगा।

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