1. अत्यधिक तनाव लेना
लगातार मानसिक तनाव और चिंता पुरुषों में हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकती है, जिससे टेस्टोस्टेरोन का स्तर गिरता है और शुक्राणु उत्पादन पर असर पड़ता है।
2. नींद की कमी
प्रत्येक दिन 7-8 घंटे की गहरी नींद जरूरी है। नींद की कमी शरीर के हॉर्मोनल चक्र को प्रभावित करती है, जिससे शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता दोनों घट सकती हैं।
3. जंक फूड पर निर्भरता
अत्यधिक फास्ट फूड, प्रोसेस्ड मीट, चीनी और ट्रांस फैट्स का सेवन शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ाता है, जो शुक्राणु कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है।
4. धूम्रपान और अत्यधिक शराब
धूम्रपान और शराब, दोनों ही वीर्य की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं। इनमें मौजूद हानिकारक रसायन शुक्राणुओं की संख्या कम कर सकते हैं और उनकी गतिशीलता को भी नुकसान पहुंचाते हैं।
5. शारीरिक गतिविधि की कमी
बैठे रहने की जीवनशैली (Sedentary Lifestyle) से मोटापा बढ़ता है और शरीर में गर्मी का स्तर अधिक हो जाता है, जो अंडकोष की कार्यक्षमता को प्रभावित करता है।
6. मोबाइल और लैपटॉप की गर्मी
लैपटॉप को गोद में रखकर लंबे समय तक काम करना या मोबाइल को जेब में रखना अंडकोष के तापमान को बढ़ा सकता है, जिससे शुक्राणु उत्पादन प्रभावित होता है।
7. प्रदूषण और केमिकल्स का संपर्क
कीटनाशकों, भारी धातुओं और प्लास्टिक में पाए जाने वाले बीपीए जैसे रसायनों का संपर्क भी शुक्राणुओं की गुणवत्ता पर असर डाल सकता है।
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