बिहार में बदल गया इस शहर का नाम, सरकार ने दी मंजूरी

पटना। बिहार के प्रसिद्ध धार्मिक और ऐतिहासिक शहर गया को अब ‘गया जी’ के नाम से जाना जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को पटना स्थित 1 अणे मार्ग पर हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इस निर्णय को मंजूरी दे दी गई। यह फैसला गया शहर की पौराणिक, ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

अब 'गया' नहीं, 'गया जी'

सरकार के अनुसार, गया शहर का नाम वर्षों से आध्यात्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं से जुड़ा हुआ है। इसलिए इस नाम में 'जी' जोड़कर सम्मान और श्रद्धा का भाव प्रकट किया गया है। यह नाम अब आधिकारिक रूप से सभी दस्तावेजों, सूचनाओं और पहचान पत्रों में इस्तेमाल किया जाएगा।

पौराणिक कथा: गयासुर से जुड़ी है नाम

गया शहर की उत्पत्ति गयासुर नामक एक पौराणिक असुर से जुड़ी हुई है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, गयासुर एक शक्तिशाली राक्षस था, जिसने भगवान विष्णु को प्रसन्न कर एक वरदान प्राप्त किया था – कि उसका शरीर सभी पापों का नाश करेगा।

लेकिन जब गयासुर ने इस शक्ति का दुरुपयोग करना शुरू किया, तो भगवान विष्णु ने उसे पाताल लोक में दबाने का निर्णय लिया। उन्होंने गयासुर को अपने पैरों से दबाकर पृथ्वी में समा दिया। जिस स्थान पर भगवान विष्णु ने यह किया, वही स्थान गया कहलाया और अब इसे ‘गया जी’ के नाम से पुकारा जाएगा।

हिंदू और बौद्ध धर्म का प्रमुख तीर्थस्थल

गया न सिर्फ हिंदू धर्म का, बल्कि बौद्ध धर्म का भी प्रमुख तीर्थ स्थल है। हिंदू श्रद्धालु यहां अपने पूर्वजों के पिंडदान और श्राद्ध कर्म के लिए आते हैं। मान्यता है कि गया जी में पिंडदान से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं, बोधगया में भगवान बुद्ध को बोधिवृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी, जिससे यह स्थान बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए भी अत्यंत पवित्र बन गया है।

गया जी: पर्यटन और सांस्कृतिक केंद्र

गया जी ना केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह बिहार के सर्वाधिक दर्शनीय शहरों में से एक है। देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु और पर्यटक हर साल यहां आते हैं। महाबोधि मंदिर, विष्णुपद मंदिर, फल्गु नदी, और प्राचीन घाट इस शहर को सांस्कृतिक वैभव प्रदान करते हैं।

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