तेजस एमके2: तेजस एमके1 का शक्तिशाली अपग्रेड
तेजस एमके2, तेजस एमके1ए का अगला संस्करण है, जिसे भारतीय वायुसेना की भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। इसका उद्देश्य तेजस एमके1 और आगामी 5वीं पीढ़ी के एएमसीए (Advanced Medium Combat Aircraft) के बीच की तकनीकी और परिचालनिक खाई को भरना है।
मुख्य विशेषताएं और क्षमताएं
1 .अधिक शक्तिशाली इंजन
तेजस एमके2 में General Electric F414 INS6 इंजन का प्रयोग किया जाएगा, जो तेजस एमके1ए में प्रयुक्त F404 इंजन की तुलना में कहीं अधिक थ्रस्ट (पावर) प्रदान करता है। इससे इसकी उड़ान क्षमता और पेलोड ले जाने की शक्ति कई गुना बढ़ जाएगी।
2 .बेहतर रेंज और पेलोड क्षमता
एमके2 को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह तेजस एमके1 की तुलना में अधिक दूरी तक उड़ान भर सके और भारी हथियारों को साथ लेकर चल सके। इसमें 11 हार्डपॉइंट्स होंगे जो हवा से हवा, हवा से जमीन और स्टैंडऑफ मिसाइलों को ले जा सकेंगे।
3 .उन्नत एवियोनिक्स और रडार
इसमें एक अत्याधुनिक AESA रडार, इन्फ्रारेड सर्च एंड ट्रैक (IRST) सिस्टम और एडवांस इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर (EW) सिस्टम लगाया जाएगा। इससे यह दुश्मन के विमानों और मिसाइलों को जल्दी पहचानकर जवाब देने में सक्षम होगा।
4 .स्मार्ट कॉकपिट और स्वदेशी तकनीक
एमके2 का कॉकपिट पूरी तरह डिजिटल और ग्लास-ऑनली होगा, जो पायलट की स्थितिजन्य जागरूकता (Situational Awareness) को बढ़ाएगा। साथ ही इसमें स्वदेशी AESA रडार, डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (DFCC) जैसे अत्याधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे, जो इसे पूरी तरह 'मेड इन इंडिया' प्लेटफॉर्म बनाते हैं।
भारतीय वायुसेना में भूमिका
तेजस एमके2 का उद्देश्य भारतीय वायुसेना के पुराने हो चुके जगुआर, मिग-29 और मिराज 2000 जैसे विमानों की जगह लेना है। यह एक मल्टी-रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट होगा, जो एक ही मिशन में विभिन्न प्रकार की भूमिकाएं निभा सकेगा—जैसे इंटरसेप्शन, ग्राउंड अटैक, एयर डिफेंस, और रेकॉनेसेन्स।
विकास और उत्पादन की समयरेखा
पहली उड़ान: 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में
प्रोटोटाइप रोलआउट: 2025 के अंत तक
उत्पादन आरंभ: 2028 के अंत या 2029 की शुरुआत से
प्रारंभिक ऑर्डर: 120 इकाइयों का ऑर्डर प्रस्तावित
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