बिहार में जमीन मालिक जल्द करें स्वघोषणा, डेट खत्म होंगे!

पटना: बिहार में चल रहे भूमि सर्वेक्षण कार्य के अंतर्गत रैयतों (भूमि मालिकों) के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। सरकार ने भूमि सर्वेक्षण से संबंधित प्रपत्र-2 (स्वघोषणा पत्र) और प्रपत्र-3 (वंशावली विवरण) जमा करने की अंतिम तिथि बढ़ा दी है। पहले यह डेडलाइन 31 मार्च 2025 तय की गई थी, लेकिन अब इसे कुछ दिनों के लिए आगे बढ़ा दिया गया है। हालांकि, नई अंतिम तिथि की औपचारिक घोषणा अभी नहीं की गई है।

बता दें की राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने स्पष्ट किया है कि राज्य में जमीन से जुड़े विवादों को समाप्त करने और डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करने के उद्देश्य से यह सर्वे कार्य दिसंबर 2026 तक पूरा किया जाना है। इस दिशा में अब तक करीब 75% रैयतों ने ही संबंधित दस्तावेज अपलोड किए हैं, जबकि शेष 25% अब भी प्रक्रिया से वंचित हैं।

राज्य के राजस्व मंत्री ने एक निजी समाचार चैनल को दिए बयान में कहा, "हमारी प्राथमिकता है कि सभी रैयत अपनी भूमि से जुड़ी जानकारी सही और समय पर जमा करें। तकनीकी या अन्य कारणों से जो लोग अब तक यह नहीं कर पाए हैं, उनके लिए समय सीमा कुछ और दिनों के लिए बढ़ाई गई है।"

क्या है प्रपत्र-2 और प्रपत्र-3?

प्रपत्र-2 (स्वघोषणा पत्र): इसमें रैयत को यह घोषित करना होता है कि वह भूमि का वास्तविक स्वामी है। प्रपत्र-3 (वंशावली विवरण): इसमें परिवार की वंशावली यानी उत्तराधिकार से जुड़े विवरण दर्ज करने होते हैं। इसलिए ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी भी माध्यम से इसे जमा करें।

कैसे करें आवेदन?

रैयत Bihar Bhumi Portal पर जाकर आवश्यक दस्तावेज अपलोड कर सकते हैं। इसके अलावा, संबंधित अंचल कार्यालय में जाकर भी यह प्रक्रिया पूरी की जा सकती है।

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