बिहार में जमीन मापी: बीघा, कट्ठा, धुर और धुरकी का गणित समझें!

पटना। बिहार में ज़मीन की माप के लिए आज भी पारंपरिक इकाइयाँ जैसे बीघा, कट्ठा, धुर और धुरकी का व्यापक उपयोग होता है। आधुनिक हेक्टेयर और वर्ग मीटर की तुलना में ये स्थानीय मापदंड अधिक व्यावहारिक माने जाते हैं, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। ज़मीन से जुड़े विवादों से लेकर खरीद-बिक्री तक, इन मापों की सटीक जानकारी आवश्यक है। आइए समझते हैं इन पारंपरिक इकाइयों के बीच का गणित और उनका आधुनिक मापन में क्या स्थान है।

ज़मीनी खरीद में मददगार

इन पारंपरिक मापों की जानकारी ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से उपयोगी होती है, जहाँ ज़्यादातर ज़मीन अभी भी इन मापों में दर्ज है। डिजिटल भूमि रजिस्ट्रेशन और 'बिहार भूमि' जैसे ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से इन मापों को वर्ग मीटर या एकड़ में परिवर्तित करना भी आसान हो गया है।

1 बीघा में कितनी ज़मीन होती है?

बिहार में 1 बीघा = 20 कट्ठा के बराबर होता है। हालाँकि यह अनुपात राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में थोड़ा-बहुत बदल सकता है, परंतु यह गणना सर्वाधिक मान्य है। 1 बीघा = 20 कट्ठा = 6,480 वर्ग फ़ुट (लगभग) अर्थात् 1 कट्ठा = 324 वर्ग फ़ुट

1 कट्ठा में कितने धुर?

1 कट्ठा = 20 धुर, यह माप प्रायः खेतों और आवासीय भूमि की खरीद-बिक्री में उपयोग होता है। 1 धुर = 16.2 वर्ग फ़ुट (लगभग)

1 धुर में कितनी धुरकी?

1 धुर = 20 धुरकी, धुरकी सबसे सूक्ष्म माप होती है, जिसका उपयोग छोटे भूखंडों, सीमांकन या विवाद समाधान में किया जाता है। 1 धुरकी = लगभग 0.81 वर्ग फ़ुट

जमीन की मापी कराने के लिए कदम:

सबसे पहले अपने पास जमीन के दस्तावेज़ (खसरा खतौनी, फॉर्म 7/12, या रजिस्ट्री कागजात) देखें। इनमें जमीन का क्षेत्रफल और सीमाएँ दर्ज होती हैं। यह जानकारी मापी कराने के लिए आधार बनती है। मापी कराने से पहले जमीन की सीमाएँ ठीक से पहचानें। बिहार में ऑनलाइन के द्वारा जमीन मापी कराने के लिए आवेदन दे सकते हैं। आवेदन के बाद सरकारी अमीन आपके जमीन की मापी करेंगे।

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