भारत की शौर्य मिसाइल: तबाही का अचूक हथियार

नई दिल्ली। भारत की सुरक्षा क्षमताओं में शौर्य मिसाइल को एक 'गेम चेंजर' माना जाता है। यह मिसाइल न केवल अत्याधुनिक तकनीक से लैस है, बल्कि यह देश के दुश्मनों के लिए एक स्पष्ट चेतावनी भी है कि भारत अब न केवल रक्षात्मक बल्कि आक्रामक क्षमता में भी आत्मनिर्भर बन चुका है।

क्या है शौर्य मिसाइल?

शौर्य मिसाइल भारत द्वारा विकसित की गई एक सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है। इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा डिज़ाइन किया गया है। यह मिसाइल 700 से 2,000 किलोमीटर तक की दूरी पर स्थित लक्ष्य को बेहद सटीकता से नष्ट कर सकती है। इसकी गति हाइपरसोनिक (Mach 7.5 तक) है, यानी यह ध्वनि की गति से कई गुना तेज़ उड़ान भर सकती है।

विशेषताएं जो शौर्य को बनाती हैं 'अचूक हथियार':

1 .साइलो आधारित और मोबाइल लॉन्चर: इसे भूमिगत साइलो या मोबाइल ट्रक से दागा जा सकता है, जिससे दुश्मन की नजरों से इसे छिपाना आसान होता है।

2 .सटीकता और गति: इसका मार्गदर्शन तंत्र इतना उन्नत है कि यह टारगेट से कुछ मीटर के भीतर ही सटीक वार करता है।

3 .परमाणु वारहेड ले जाने में सक्षम: शौर्य मिसाइल पारंपरिक और परमाणु, दोनों प्रकार के हथियार ले जा सकती है।

4 .डिप्लॉयमेंट में तेजी: इसकी तैनाती और लॉन्चिंग समय बेहद कम है, जिससे यह आपातकालीन स्थिति में तुरंत कार्रवाई कर सकती है।

5 .सुव्यवस्थित तकनीकी संरचना: मिसाइल के उड़ान मार्ग को ट्रैक करना और उसे रोकना अत्यंत कठिन है, जिससे यह दुश्मन की रक्षा प्रणाली को चकमा देने में सक्षम है।

सामरिक दृष्टि से इसका महत्व

शौर्य मिसाइल भारत की न्यूनतम प्रतिरोधक रणनीति (Minimum Credible Deterrence) को मज़बूती प्रदान करती है। यह मिसाइल चीन और पाकिस्तान दोनों के खिलाफ रणनीतिक संतुलन बनाए रखने में सक्षम है। इसकी लॉन्चिंग क्षमता देश के उत्तर और पूर्वी सीमाओं पर विशेष लाभ देती है, जिससे दुश्मन की किसी भी आक्रामक मंशा को रोका जा सके।

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