यूपी में इन शिक्षकों पर बड़ी कार्रवाई, मचा हड़कंप

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग ने राज्य में शिक्षक अनुशासन और भर्ती की पारदर्शिता को लेकर एक बड़ी कार्रवाई की है, जिससे पूरे प्रदेश के शिक्षा महकमे में हड़कंप मच गया है। यह कार्रवाई दो ज़िलों – हाथरस और श्रावस्ती – में की गई है, जहां लंबे समय से अनुपस्थित शिक्षिकाओं को बर्खास्त किया गया है और फर्जी दस्तावेज़ों से नियुक्त 13 शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गई है।

हाथरस: चार शिक्षिकाएं अनुपस्थित, सेवा समाप्त

हाथरस ज़िले में बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) स्वाति भारती ने चार शिक्षिकाओं को बर्खास्त कर दिया है जो लम्बे समय से बिना सूचना के स्कूल से अनुपस्थित थीं। ये सभी शिक्षकाएं वर्ष 12460 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत नियुक्त की गई थीं।

बर्खास्त शिक्षिकाओं के नाम और विवरण:

1 .उपासना सिंह – प्राथमिक विद्यालय बांधनू, ब्लॉक सासनी में तैनात थीं। 29 जुलाई 2024 से अनुपस्थित थीं। पुत्र की बीमारी का हवाला दिया गया, लेकिन विभाग ने जवाब को असंतोषजनक माना।

2 .निशा भाटी – प्राथमिक विद्यालय नगला नाई में नियुक्त थीं। लगातार अनुपस्थित रहने पर डाक द्वारा अंतिम नोटिस भेजा गया।

3 .अंजलि – प्राथमिक विद्यालय सुमरत गढ़ी में तैनात थीं। बिना सूचना के लापता रहने पर द्वितीय अंतिम नोटिस जारी हुआ।

4 .भावना सिंह – कंपोजिट विद्यालय ऊसवा में कार्यरत थीं। 16 नवंबर 2022 से गैरहाजिर थीं। बीएसए द्वारा सभी को द्वितीय अंतिम नोटिस जारी किया गया था। जवाब संतोषजनक नहीं होने के कारण चारों की सेवा समाप्त कर उच्च अधिकारियों को सूचित किया गया।

श्रावस्ती: 13 फर्जी दस्तावेज़ों से नौकरी करने वाले शिक्षक बर्खास्त

शिक्षा क्षेत्र में फर्जीवाड़े को लेकर श्रावस्ती ज़िले में बड़ा खुलासा हुआ है। वर्ष 2016 में भर्ती हुए 13 शिक्षक फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी कर रहे थे। बीएसए अजय कुमार ने सभी को बर्खास्त कर दिया है और संबंधित खंड शिक्षाधिकारियों को इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश भी दे दिए हैं।

फर्जी अभिलेखों के आधार पर नौकरी करने वाले शिक्षक:

प्रेम सिंह – यूपीएस गब्बापुर

योगराज पाल – यूपीएस धर्मपुर

अजय कुमार – यूपीएस बिन्डोहवा

कृष्ण गोपाल सिंह – यूपीएस कोकल

दीपक कुमार – यूपीएस कोदिया गांव

सौभाग्य पांडेय – यूपीएस धेबिहा

फौरन सिंह – यूपीएस हरबंशपुर

राजेश कुमार – यूपीएस मल्हीपुर खुर्द

आर्येंद्र प्रकाश पीयूष – यूपीएस महरौली

आशीष कुमार पांडेय – यूपीएस तुरुषमा

अनुराग मिश्रा – यूपीएस पिपरहवा रंजीतपुर

भूपेन्द्र बाबू – यूपीएस लक्ष्मणपुर सेमरहनिया

पवन कुमार चतुर्वेदी – यूपीएस भगवानपुर भैसाही

इन सभी के दस्तावेज़ जांच में फर्जी पाए गए हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई थी। उत्तर प्रदेश के इन दोनों ज़िलों में हुई कार्रवाई से यह स्पष्ट संदेश गया है कि शिक्षा विभाग अब लापरवाही और फर्जीवाड़े के मामलों में कोई नरमी नहीं बरतेगा। यह कदम न केवल शिक्षक अनुशासन को बनाए रखने के लिए ज़रूरी था, बल्कि इससे विभाग की पारदर्शिता और जवाबदेही की भावना भी सशक्त हुई है।

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