इजराइल-ईरान युद्ध तेज: अमेरिका ने भेजे F-22 रैप्टर

न्यूज डेस्क। इजराइल और ईरान के बीच चल रहे सैन्य संघर्ष तेज होता जा रहा हैं। इस संघर्ष में अमेरिका की सीधी भागीदारी ने वैश्विक चिंता को और गहरा कर दिया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका ने मध्य पूर्व क्षेत्र में उन्नत लड़ाकू विमानों की तैनाती की है, जिसमे F-22 रैप्टर शामिल हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जी-7 शिखर सम्मेलन बीच में छोड़कर वाशिंगटन लौटने के बाद बेहद कड़े बयान दिए हैं, जिससे संकट की गंभीरता और बढ़ गई है।

अमेरिका की सैन्य तैनाती

रॉयटर की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका ने इजराइल-ईरान युद्ध के बीच मध्य पूर्व में F-16, F-22 और F-35 जैसे आधुनिक लड़ाकू विमानों की तैनाती शुरू कर दी है। अमेरिकी रक्षा अधिकारियों ने इस तैनाती को “रक्षात्मक कदम” बताया है, लेकिन इन विमानों की क्षमताओं को देखते हुए यह तैनाती आक्रामक क्षमता का भी संकेत देती है।

डोनाल्ड ट्रंप के आक्रामक बयान

राष्ट्रपति ट्रंप का बयान कि "ईरान को बिना शर्त आत्मसमर्पण कर देना चाहिए" और "खामेनेई को अभी नहीं मारेंगे, पर वह आसान लक्ष्य हैं"—एक स्पष्ट चेतावनी है कि अमेरिका किसी भी समय ईरान के खिलाफ बड़ा कदम उठा सकता है। साथ ही ट्रंप का यह कहना कि "हर किसी को तुरंत तेहरान छोड़ देना चाहिए", बताता है कि अमेरिका एक संभावित हवाई या जमीनी हमले की आशंका जता रहा है।

तेहरान में अफरातफरी का माहौल

डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी के बाद तेहरान में भय और अफरातफरी का माहौल बन गया है। रिपोर्टों के अनुसार, लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर भाग रहे हैं। शहर के कई हिस्सों में दुकानें बंद हैं और प्रमुख बाजार जैसे 'ग्रैंड बाजार' पूरी तरह बंद हो चुका है। यह स्थिति दर्शाती है कि आम जनता को भी युद्ध की आशंका सता रही है और देश में राजनीतिक तथा सामाजिक स्थिरता पर संकट गहरा गया है।

इजराइल की रणनीति और बयान

इजराइल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने ईरानी सर्वोच्च नेता खामेनेई की तुलना सद्दाम हुसैन से करते हुए कहा कि उनका भी वही हश्र हो सकता है। इजराइल पहले ही ईरान के सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले कर चुका है और अब वह अमेरिका की सैन्य मौजूदगी का लाभ उठाकर बड़े ऑपरेशन की तैयारी में दिख रहा है।

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