तीनों दिग्गजों की साझेदारी
भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL), लार्सन एंड टुब्रो डिफेंस (L&T Defence) और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने मिलकर पिनाका MK-III को तैयार करने का जिम्मा उठाया है। इन तीनों संस्थाओं की यह साझेदारी करीब 25,000 करोड़ रुपये की है और यह भारत की रक्षा तकनीक को अगले स्तर पर ले जाने वाला कदम माना जा रहा है।
2025 के अंत तक यूजर ट्रायल
DRDO अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत के अनुसार, पिनाका MK-III का विकास अंतिम चरण में है और इसका पहला फायर टेस्ट अक्टूबर 2025 में निर्धारित है। उम्मीद है कि 2025 के अंत तक इसका यूजर ट्रायल शुरू हो जाएगा और जल्द ही यह भारतीय सेना की ताकत बन जाएगा।
क्या है पिनाका MK-III की खासियत?
रैपिड फायर क्षमता
इस लॉन्चर की सबसे बड़ी ताकत इसकी रैपिड फायरिंग पावर है। महज 44 सेकंड से भी कम समय में यह 12 रॉकेट दाग सकता है। इसका मतलब है कि दुश्मन को संभलने का मौका भी नहीं मिलेगा और एक के बाद एक अटैक से पूरा इलाका तबाह हो जाएगा।
120 किमी की मारक क्षमता
जहां पिनाका Mk-II की रेंज 60-75 किमी थी, वहीं Mk-III इसे लगभग 120 किमी तक ले गया है। इसका मतलब है कि अब भारतीय सेना दुश्मन की सीमा में और भी गहराई तक प्रहार कर सकती है।
उच्च सटीकता और विनाशक ताकत
300 मिमी कैलिबर का ये सिस्टम हर रॉकेट में 250 किलोग्राम का वारहेड ले जाने में सक्षम है। यह बड़े इलाके में टारगेट को एक ही हमले में ध्वस्त करने की क्षमता रखता है – 1000x800 मीटर के क्षेत्र में तबाही फैला सकता है।
चीन और पाकिस्तान को करारा जवाब
पिनाका MK-III को खासतौर पर भारत के प्रमुख विरोधी देशों – चीन और पाकिस्तान – के लंबी दूरी के रॉकेट सिस्टम का जवाब देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इससे भारत को उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर रणनीतिक बढ़त मिलेगी।
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