बिहार में 'शिक्षकों' के लिए सबसे बड़ी खुशखबरी

पटना। बिहार के शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी एक के बाद एक सकारात्मक खबरें सामने आ रही हैं। राज्य के हजारों शिक्षकों के लिए यह समय किसी सौगात से कम नहीं है। जहां एक ओर डोमिसाइल नीति लागू होने से स्थानीय अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिली है, वहीं दूसरी ओर शिक्षकों के म्युचुअल ट्रांसफर को लेकर लंबे समय से चली आ रही मांग आखिरकार पूरी हो गई है।

डोमिसाइल लागू: बिहार के युवाओं को 90% मौका

बिहार सरकार ने TRE-4 से ही डोमिसाइल नीति लागू कर दी है। इसका सीधा फायदा राज्य के युवाओं को मिलेगा। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने स्पष्ट किया है कि अब बिहार की शिक्षक बहाली प्रक्रिया में राज्य के युवाओं को 90% तक का आरक्षण मिलेगा। इससे न सिर्फ बाहरी राज्यों के मुकाबले स्थानीय अभ्यर्थियों को प्राथमिकता मिलेगी, बल्कि युवाओं के भविष्य को भी मजबूती मिलेगी।

म्युचुअल ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू

शिक्षा विभाग ने म्युचुअल ट्रांसफर की प्रक्रिया को औपचारिक रूप से शुरू कर दिया है। 6 अगस्त 2025 से इसका पोर्टल दोपहर 3 बजे से सभी शिक्षकों के लिए खोल दिया गया है। यह पोर्टल शिक्षकों को पारस्परिक सहमति के आधार पर एक-दूसरे के स्थान पर स्थानांतरण का अवसर देगा।

पोर्टल 10 सितंबर 2025 तक रहेगा खुला

सरकार ने शिक्षकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए म्युचुअल ट्रांसफर पोर्टल को 10 सितंबर 2025 तक खुला रखने का निर्णय लिया है। इसका मकसद यह है कि जिन शिक्षकों को पिछली बार ट्रांसफर प्रक्रिया में मौका नहीं मिला था, वे इस बार आवेदन कर सकें। शिक्षा मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि शिक्षकों को जल्दबाजी की आवश्यकता नहीं है। पोर्टल एक महीने से ज्यादा समय तक खुला रहेगा, जिससे सभी को आवेदन करने का पर्याप्त समय मिलेगा।

क्या है म्युचुअल ट्रांसफर?

म्युचुअल ट्रांसफर वह प्रक्रिया है, जिसमें दो शिक्षक आपसी सहमति से एक-दूसरे के स्थान पर तबादला करा सकते हैं। यह व्यवस्था खासकर उन शिक्षकों के लिए फायदेमंद है, जो अपने गृह जिले या पसंदीदा स्थान पर सेवा देना चाहते हैं।

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