बिहार के पंचायत में पैक्सों के लिए बड़ी खुशखबरी

पटना। बिहार के ग्रामीण विकास की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने पंचायत स्तर पर पैक्स (प्राथमिक कृषि साख समिति) के व्यवसाय को सशक्त और विस्तृत करने के लिए व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। सहकारिता विभाग की इस नई पहल का उद्देश्य न केवल पैक्सों की आय में 30 प्रतिशत की वृद्धि करना है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत आधार भी प्रदान करना है।

पैक्सों को डिजिटल और व्यावसायिक

अब तक कृषि ऋण और खाद-बीज वितरण तक सीमित रही पैक्सों की भूमिका को और अधिक व्यावसायिक, आधुनिक और डिजिटल बनाने की दिशा में ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। हर पंचायत के पैक्स को पूर्णतया डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया जाएगा, जिससे पारदर्शिता के साथ-साथ संचालन में दक्षता भी आएगी। इसके अतिरिक्त, सहकारी बैंकों से सीधे जोड़कर पैक्सों की वित्तीय पहुंच और ऋण सुविधा को और बेहतर किया जाएगा।

मृतप्राय पैक्सों का पुनरुद्धार

जिन पंचायतों में पैक्स निष्क्रिय हो गए हैं या उनका संचालन बंद हो गया है, वहां सरकार न्यूनतम एक सक्रिय सहकारी इकाई स्थापित करेगी। इससे उन क्षेत्रों में भी ग्रामीणों को कृषि, विपणन और ऋण जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जहां अब तक यह संभव नहीं था।

प्रखंड स्तर पर सहकारिता सुविधा केंद्र

बता दें की बिहार के प्रत्येक प्रखंड में सहकारिता सुविधा केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जो पैक्सों को तकनीकी, प्रबंधन और विपणन संबंधी सहायता प्रदान करेंगे। ये केंद्र प्रशिक्षण, योजना निर्माण और सरकारी योजनाओं से जोड़ने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

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