बिहार में 'सभी छात्रों' के लिए एक बड़ी खुशखबरी

पटना। बिहार सरकार द्वारा छात्रों की शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम उठाया गया है। अब शिक्षा को डिजिटल रूप देने की दिशा में राज्य ने बड़ी पहल की है, जिससे लाखों छात्रों को फायदा होगा। सरकार ने "मुख्यमंत्री डिजिटल लाइब्रेरी योजना (एमएमडीएलवाय)" के तहत प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक-एक डिजिटल लाइब्रेरी केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। 

डिजिटल शिक्षा की ओर एक मजबूत कदम

राज्य सरकार का उद्देश्य है कि हर छात्र को आधुनिक तकनीकी सुविधाओं से लैस अध्ययन का माहौल मिल सके। डिजिटल लाइब्रेरी केंद्रों के माध्यम से छात्र न सिर्फ किताबें पढ़ सकेंगे, बल्कि विभिन्न ऑनलाइन कोर्स, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी, ई-बुक्स और वीडियो लेक्चर जैसी सुविधाओं का भी लाभ उठा सकेंगे।

प्रत्येक केंद्र में होंगी ये सुविधाएं

हर डिजिटल लाइब्रेरी में 10 कंप्यूटर टर्मिनल होंगे, जो छात्रों के लिए पूरी तरह से उपलब्ध होंगे। हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी और सतत विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था की जाएगी। इन केंद्रों को स्थापित करने के लिए कम से कम 300 वर्गफुट का स्थान जरूरी होगा।

वहीं, इनके संचालन के लिए सुपरवाइजर और तकनीकी इनचार्ज की भी नियुक्ति की जाएगी, ताकि संचालन में कोई बाधा न आए। स्थापना के लिए प्राथमिकता पंचायत भवन, प्रखंड कार्यालय, नगर परिषद भवन, या सरकारी स्कूल-कॉलेज के अतिरिक्त कमरों को दी जाएगी, ताकि निर्माण की आवश्यकता न हो और संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सके।

पटना में बनेगा राज्य स्तरीय मॉडल केंद्र

राज्य की राजधानी पटना में एक राज्य स्तरीय डिजिटल मॉडल लाइब्रेरी की स्थापना की जाएगी, जहां 60 कंप्यूटर और उच्च गुणवत्ता की इंटरनेट सुविधा मौजूद होगी। इसके अलावा, क्षेत्रीय स्तर पर भी 50 कंप्यूटरों से लैस मॉडल लाइब्रेरी केंद्र बनाए जाएंगे।

सरकार की मंशा और संभावित प्रभाव

इस योजना के लिए कैबिनेट द्वारा 94.50 करोड़ रुपये से अधिक की स्वीकृति दी गई है, जो बताता है कि सरकार इस परियोजना को लेकर कितनी गंभीर है। इससे खासकर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों के छात्रों को डिजिटल शिक्षा से जोड़ा जा सकेगा। डिजिटल अंतर को पाटने और शिक्षा में समानता लाने की दिशा में यह एक सशक्त कदम माना जा सकता है।

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